नहीं मिल रहे आक्सीजन सिलेंडर
बाराबंकी : कोरोना मरीजों की बढ़ रही संख्या से संकट दर संकट पैदा होते जा रहे हैं। पहले वेंटिलेटर खाली न होने की बात कह मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है, अब भर्ती मरीजों को आक्सीजन नहीं मिल रही है। परिवारीज 8 सौ रुपये में मिलने वाला आक्सीजन का सिलेंडर 5 हजार तक में खरीदने को तैयार हैं इसके बाद भी सिलेंडर मिल नहीं रहा है। आक्सीजन को लेकर जिले के अस्पतालों में मारामारी मच गई है। हालात यहां तक पहुंच गए है किअस्पताल संचालक अब एक अदद आक्सीजन सिलेंडर की कोई भी कीमत चुकाने के लिए तैयार हो रहे हैं। कुछ यहीं हाल रेमडेसिविर इंजेक्शन का है।
कोरोना मरीजों की जान बचाने का एक मात्र साधन आक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन है। लेकिन मरीजों की बढ़ती संख्या के बाद यह दोनों बाजार से गायब हो गए हैं। जैसे-जैसे मरीजों की संख्या बढ़ रही है वैसे-वैसे आक्सीजन का संकट गहराता जा रहा है। आक्सीजन गैस की आपूर्ति करने वाली फर्म पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन न मिलने की बात कह रही हैं। आक्सीजन की कमी को लेकर उपजा संकट दिन ब दिन गहराता जा रहा है और इस गंभीर समस्या का कोई हल भी नहीं निकल पा रहा है। जिससे मरीजों के परिवारीजन किसी भी कीमत पर अब आक्सीजन सिलेंडर को खरीदने को तैयार हैं। परिवारीजनों का कहना है कि मरीज की जान बच जाए वह 8 सौ में मिलने वाला आक्सीजन सिलेंडर पांच हजार रुपये में भी खरीदने को तैयार हैं लेकिन इसके बाद भी आक्सीजन सिलेंडर नहीं मिल पा रहा है। कुछ ऐसा ही हाल रेमडेसिविर इंजेक्शन का भी है। कोरोना मरीजों में प्रयोग किया जाने वाला यह इंजेक्शन भी तीमारदारों को ढूंढें नहीं मिल रहा है।
शहर के बंकी निवासी रामप्रसाद ने बताया कि बेटे की हालत गंभीर होने पर शहर के एक निजी अस्पताल ले गए। जांच के बाद बताया गया कि आक्सीजन लेवल बराबर गिर रहा है। वह पांच हजार देने को तैयार थे इसके बाद भी उन्हें आक्सीजन सिलेंडर नहीं मिल सका। इसी प्रकार सिद्वौर निवासी दयाराम ने बताया कि पिता की हालत गंभीर होने पर शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन यहां पर भी आक्सीजन न होने की बात कह मरीज को रेफर कर दिया गया जबकि हम आक्सीजन की कोई भी कीमत देने को तैयार थे इसके बाद भी सिलेंडर का इंतजाम नहीं हो सका।आक्सीजन की कमी के संबंध में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। अस्पतालों में आक्सीजन की उपलब्धत सुनिश्चित कराने के निर्देश संबंधित नोडल अधिकारियों को दिए गए हैं। कोरोना मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिल सके इसका पूरा प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए समय-समय पर संबद्व कोविड अस्पतालों का निरीक्षण भी किया जाता है।
जिला पंचायत सदस्य के लिए अंतिम दिन हुए 248 नामांकन
बाराबंकी : पंचायत चुनाव में नामांकन के अंतिम दिन जिला पंचायत सदस्य के लिए 248 उम्मीदवारों ने नामांकन किया। जिसके बाद डीडीसी के 57 पदों पर ताल ठोकने वाले उम्मीदवारों की संख्या 894 हो गई। ऐसे में इस बार जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जहां रोमांचक होगा। वहीं जीत हार का अंतर भी कम होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। हालांकि कोरोना काल में नामांकन करने पहुंचे उम्मीदवारों व उनके प्रस्तावकों में चुनावी जुनून के आगे कोविड-19 प्रोटोकाल तार-तार दिखा।
गुरुवार की सुबह से ही नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई। लगाए गए बैरियर पर मुस्तैद पुलिसकर्मियों ने उम्मीदवार व प्रस्तावक को ही अंदर जाने दिया। ऐसे में अंदर पहुंचे उम्मीदवारों ने न्यायालय उपसंचालक चकबंदी के कक्ष संख्या बी-13 मैं वार्ड संख्या 1 से 15 तक के लिए 61 उम्मीदवारों ने एआर और जिला कृषि रक्षा अधिकारी प्रीति किरन बाजपेई को नामांकन पत्र सौंपा। अतिरिक्त मजिस्ट्रेट प्रथम के कार्यालय कक्ष में वार्ड संख्या 16 से 29 तक के 51 उम्मीदवारों के एआरओ जिला युवा कल्याण अधिकारी राजेश कुमार सोनकर ने पर्चा दाखिल कराया। अपर जिलाधिकारी के कक्ष में वार्ड संख्या 30 से 43 तक 64 उम्मीदवारों के नामांकन एआरओ जिला कृषि अधिकारी संजीव कुमार ने नामांकन कराए। एडीएम न्यायिक के कार्यालय में वार्ड संख्या 44 से 57 तक के 72 उम्मीदवारों के पर्चे एआरओ जिला खनन अधिकारी रणवीर सिंह ने दाखिल कराए। इस दौरान उम्मीदवार के प्रस्तावक भी प्रोटोकाल को भूल नामांकन करने में मशगूल दिखे। अंतिम दिन हुए 248 नामांकन के साथ जिला पंचायत सदस्य की 57 सीटों के लिए 894 उम्मीदवार मैदान में ताल ठोकने उतर पड़े हैं। हालांकि शुक्रवार व शनिवार को नामांकन पत्रों की जांच व नाम वापसी के बाद वास्तविक तस्वीर सामने होगी। मगर अब तक की माने तो हर वार्ड में जिला पंचायत के करीब 25 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं।
बाइक रैली निकाली 84 पर मुकदमा
सिरौलीगौसपुर : नामांकन के लिए बाइक रैली निकाल कोविड-19 के प्रोटोकॉल व आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले 84 लोगों पर बदोसराय कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है। सिरौलीगौसपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत शहरी के एक प्रत्याशी द्वारा नामांकन के लिए बाइक रैली निकाली गई। इस दौरान कोविड-19 के प्रोटोकाल का उल्लंघन और आचार संहिता की धज्जियां उड़ाई गईं।
इसकी सूचना पाकर गुरुवार को नामांकन के लिए जा रही बाइक रैली को बदोसरांय पुलिस ने करोरा चौराहे पर रोका। इसके बाद पुलिस ने रैली में शामिल 84 लोगों पर आचार संहिता व कोविड-19 के प्रोटोकाल उल्लंघन का मुकदमा दर्ज किया है। इस संबंध में कोतवाली के एसएसआई सुभाष चंद्र ने बताया कि बाइक रैली निकाल कर नामांकन करने जा रहे रविशंकर समेत 34 नामजद तथा 50 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
नामांकन के अंतिम वक्त तक बिके 2241 पर्चे
बाराबंकी: पंचायत चुनाव मे नामांकन के अंतिम अंतिम दिन गुरुवार को 2 बजे तक विभिन्न पदों को लेकर 2241 नामांकन पत्रों की बिक्री हुई। जिले में गुरुवार को जिला पंचायत सदस्य के 18, ग्राम प्रधान के 97, क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए 143 और सदस्य पद के लिए 1983 नामांकन पत्रों की बिक्री हुई। इसमें देवा ब्लॉक में प्रधानी के 12 बीडीसी के 9, सदस्य 268, हरख ब्लॉक में प्रधानी के सात, बीडीसी के 14, सदस्य के 195 तथा मसौली ब्लॉक में प्रधानी के छह, बीडीसी के 14 व सदस्य के 145 नामांकन पत्र बिके।
हैदरगढ़ मैं प्रधान के तीन, बीडीसी पांच, सदस्य के 63, सिद्धौर ब्लॉक में ग्राम प्रधान के 17, बीडीसी के सात व सदस्य के 171 नामांकन पत्रों की बिक्री हुई। सिरौलीगौसपुर ब्लॉक में ग्राम प्रधान के 7 बीडीसी के आठ सदस्य के 103, रामनगर ब्लाक में प्रधानी के चार बीडीसी के छह सदस्य के 224, सूरतगंज ब्लॉक में प्रधानी के 11 बीडीसी के 19, सदस्य के 201 पर्चे बिके। निंदूरा ब्लॉक में प्रधानी के छह, बीडीसी के 11, सदस्य के 129 तथा पूरे डलई ब्लॉक में प्रधानी के चार, बीडीसी के 16 तथा ग्राम पंचायत सदस्य 75, बनीकोडर ब्लॉक में प्रधानी के 12, बीडीसी के 20 तथा सदस्य पद के 251 नामांकन पत्र बिके। वहीं जिला पंचायत सदस्य के 18 नामांकन पत्रों की बिक्री हुई।