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विधानसभा सदर में नवीन समीकरण से भाजपा जीत सकती है चुनाव!

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आगामी सदर चुनाव बीजेपी के लिए चुनौतीपूर्ण, आंतरिक मतभेद हमेशा रहा बाधक

जमीनी हकीकत से परे शीर्ष नेतृत्व, गहन समीक्षा की आवश्यकता

 

बाराबंकी : आगामी विधान सभा चुनाव के दृष्टिगत जनपद बाराबंकी में राजनीतिक जुबानी जंग तेज हो गई है। सियासी दलों ने भी जोरआजमाईश के लिये कमर कस ली है। राजनीति के धुरंधर-पण्डितों द्वारा कयासों का दौर उफान की ओर गतिमान है। हाल ही में जनपद के एक माननीय व भाजपा के एक चर्चित वरिष्ठ नेता की दिल्ली दस्तक ने चुनावी जनचर्चा में नया मोड़ ला दिया है। दिल्ली जाने का कारण चाहे जो रहा हो, अपितु राजनीति में रूचि रखने वाले लोग आगामी विधानसभा चुनाव से सम्बंध जुड़े होने के कयास लगाने में कतई पीछे नहीं है। चुनावी जनचर्चा से विपक्षियों में खलबली मची है, तो वहीं सत्तापक्ष के लोग गदगद हैं। फिलहाल आने वाले दौर में कौन बाजी मार ले जाये, यह तो तत्कालिक समय ही सुनिश्चित करेगा।

 

स्मरणीय है कि बीते वर्ष 2017 में सम्पन्न हुए विधानसभा के चुनाव में भाजपा ने गैर दल से शामिल हुए हरगोविन्द सिंह पर भरोसा जताया था। चुनावी रणभूमि में भाजपा ने हरगोविन्द सिंह को सदर सीट से अपना दावेदार घोषित किया। जो शायद सदर क्षेत्र की जनता को रास नहीं आया। और भाजपा को करारी सिकस्त झेलनी पड़ी थी। जबकि सदर सीट से भाजपा की साख को चुनौती देते हुए अवाम द्वारा सपा से एक बार के विधायक रहे धर्मराज सिंह उर्फ सुरेश यादव को पुनः विधान सभा का सदस्य चुना गया। लेकिन, आने वाले समय में भाजपा का नया समीकरण विपक्षियों की राह में भारी मुश्किलें खड़ी कर सकता है।

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