पिछले रोपे गए पौधों की भौतिक रिपोर्ट को देने में असमर्थ सरका
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के सरकार ने वन महोत्सव 2020 के तहत 25 करोड़ पौधे लगाने के अभियान का शुभारंभ किया है। प्रदेश सरकार ने विगत दो दिनों में करोड़ों रूपए खर्च करके यूपी के कई जिलों में 25 करोड़ पौधारोपण कर विश्व रिकॉर्ड बनाया है। जिस पर कांग्रेस विधान परिषद दल के नेता दीपक सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा है, कि भाजपा सरकार करोड़ों खर्च करके यूपी में 25 करोड़ पौधे रोपकर अपने रिकॉर्ड को तोड़ने में लगी है। लेकिन सरकार यह नहीं जानना चाहती है कि पिछले रोपे गए पौधों की वर्तमान हालत क्या है। वह जीवित हैं या मृत।
सरकार को पिछला रिकॉर्ड तोड़ना है। इसलिए उसका सिस्टम भी आंकड़ों की बाजीगरी में जुड़ जाता है। पौधारोपण के इन्हीं कागजी आंकड़ों पर एमएलसी दीपक सिंह ने आज विधानसभा में वन मंत्री दारासिंह चौहान व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पौधा भेंट करने उनके कार्यालय पहुंचे और वृक्षारोपण किया।
उन्होंने कहा कि पौधरोपण का विश्व रिकॉर्ड बनाने और सुर्खियां बटोरने के लिए सरकार करोड़ों रुपए फूंक देती हैं। लेकिन रोपे गए पौधों को संरक्षित रखने और उनकी गिनती करने पर कोई ध्यान ही नहीं है। विगत वर्षों में करोड़ रुपए खर्च करके जिन पौधे को रोपे जाने का दावा किया गया है। उसका सत्यापन कराया जाए। क्या वह पौधें लगे भी थे। यह पता किया जाए कि आखिर वे पौधें जीवित हैं या मृत।
सरकारी तामझाम, प्रचार अभियान और भारी-भरकम धनराशि खर्च करने के बावजूद ये पौधे पेड़ नहीं बन सके और न ही बनने की प्रक्रिया में हैं। कहीं वृक्षारोपण के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग, लूट और भ्रष्टाचार तो नहीं हो रहा क्योंकि करोड़ों की संख्या में पौधे रोपित होने के बावजूद प्रदेश की जमीने खाली और बंजर दिखाई दे रही। सरकार द्वारा रोपित पौधे कहां गए। यदि रोपे गए पौधे नहीं पाए जाते हैं, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।