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बसपा प्रमुख ने लोकसभा में पार्टी का नेता बदला, रितेश पांडेय की जगह गिरीश चंद्र जाटव को दी जिम्मेदारी

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लखनऊ : यूपी विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद बसपा प्रमुख ने लोक सभा में पार्टी का नेता बदल दिया है। आम्बेडकर नगर से सांसद रितेश पांडेय की जगह नगीना लोकसभा से सांसद गिरीश चंद्र जाटव को अब यह जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, मायावती ने मंगलवार को बीएसपी- डीएस फोर के संस्थापक कांशीराम को श्रद्धांजलि अर्पित की है बसपा प्रमुख ने इस अवसर पर कहा कि आत्म-सम्मान और स्वाभिमान के बहुजन मूवमेंट के प्रति ऐतिहासिक संघर्ष और योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है। वे हमेशा प्रेरणा के स्रोत बने रहेंगे। संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आम्बेडकर के कारवां का संघर्षशील सफर उतार-चढ़ाव के बावजूद लगातार जारी रहेगा।

मौजूदा समय में 10 लोक सभा सांसद हैं बसपा के

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से हाजी फजलुर्रहमान, बिजनौर से मलूक नागर, नगीना से गिरीश चंद्र, अमरोहा से कुंवर दानिश अली, आम्बेडकर नगर से रितेश पांडेय, श्रावस्ती से राम शिरोमणि वर्मा, लालगंज से संगीता आजाद, घोसी से अतुल राय, जौनपुर से श्याम सिंह यादव और गाजीपुर से अफजाल अंसारी लोकसभा सांसद है।

तीन राज्यों में चार सीटों पर जीत, सबसे खराब रिजल्ट

देश के दलितों की राजनीति का दंभ भरने वाली बहुजन समाज पार्टी ने विधानसभा चुनाव 2022 में तीन राज्यों में महज चार सीटों पर जीत हासिल की। गोवा और मणिपुर में पार्टी चुनावी मैदान में नहीं थी। उधर, कांशीराम की जन्मस्थली पंजाब में शिरोमणि अकाली दल से गठबंधन कर चुनावी मैदान में उतरने का कोई फायदा पार्टी को नहीं मिला। बसपा महज 1.77 फीसदी वोट शेयर के साथ एक सीट पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही

उत्तर प्रदेश से अलग होकर बने राज्य उत्तराखंड में बसपा पांच फीसदी वोट भी नहीं पा सकी। राज्य में 4.82 फीसदी वोट शेयर के साथ पार्टी ने दो सीटों पर कब्जा जमाया। सबसे खराब स्थिति उत्तर प्रदेश की रही। प्रदेश में चार बार सरकार बनाने वाली बसपा केवल 12.88 फीसदी वोट हासिल करने में सफलता दर्ज की। पार्टी को केवल एक सीट पर जीत मिली। उत्तर प्रदेश में बसपा की खराब स्थिति इससे पहले कभी नहीं रही।

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