कृषि कानून वापसी पर बसपा प्रमुख मायावती ने कहा आने वाले संसद सत्र में एमएसपी को लेकर भी फैसला करे सरकार
लखनऊ : कृषि कानून वापसी पर बसपा प्रमुख मायावती ने किसानों को बधाई दी। मायावती ने कहा कि फैसला लेने में देरी कर दी। मायावती ने कहा कि यह फैसला बहुत पहले ले लेना चाहिए था। एमएसपी को लेकर भी सरकार फैसला करे। इस आंदोलन के दौरान किसान शहीद हुए हैं उन्हें केंद्र सरकार आर्थिक मदद और नौकरी दे। वहीं अखिलेश यादव ने भी प्रेस कान्फ्रेंस बुला ली है। उधर, भारतीय किसान यूनियन भानू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानू प्रताप सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा का स्वागत करते हैं।
Farmers&https://www.youtube.com/channel/UCcj8JxdUrXPVdAxW-blFheA39; sacrifice has paid off. The decision to repeal 3 farm laws should have been taken much before. Still, farmers&https://www.youtube.com/channel/UCcj8JxdUrXPVdAxW-blFheA39; demand for a law on MSP is pending. BSP demands that in the upcoming Parliament session the Centre should bring a law in this regard(on MSP): BSP chief Mayawati pic.twitter.com/XvIBOljEFU
— ANI UP (@ANINewsUP) November 19, 2021
कहा कि देश का प्रधानमंत्री ऐसा ही होना चाहिए जो एक एक किसान की पीड़ा को समझे भानू ने कहा कि 75 साल से किसान विरोधी नीतियों के कारण देश का किसान कर्जदार हो गया है। उसको फसलों के दाम नहीं मिले हैं इसलिए किसान आत्महत्या करता है। किसान आयोग का गठन करके किसानों को फसलों के दाम तय करने का अधिकार दिया जाए। इसी तरह एक दिन में किसानों के कर्जे माफ करके की घोषणा किए जाएं। इससे प्रधानमंत्री का देश में नाम हो जाएगा।
आपको बता दें कि गुरु नानक जयंती के मौके पर प्रदर्शनकारी किसानों के हक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बड़ा फैसला लिया है। जिसकी वजह से साल भर से अधिक समय से देश के कई हिस्सो में किसान प्रदर्शन कर रहे थे, उस कृषि कानूनों को सरकार ने निरस्त करने का फैसला ले लिया है। देश के नाम संबोधन में शुक्रवार को पीएम मोदी ने देशवासियों से माफी मांगते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया और कहा कि उनकी तपस्या में ही कुछ कमी रह गई होगी, जिसकी वजह से कुछ किसानों को उनकी सरकार समझा नहीं पाई और अंत में यह कानून वापस लेना पड़ा। हालांकि, पीएम मोदी ने कृषि कानूनों को अब भी डिफेंड किया और कहा कि कुछ किसानों के न समझने की वजह से ही यह फैसला लेना पड़ा। तो चलिए जानते हैं पीएम मोदी ने अपने संबोधन में क्या-क्या कहा।