दिल्ली : देश में 24 घंटे के अंदर 37,875 नए कोरोना संक्रमित सामने आए हैं। जबकि मंगलवार को यह संख्या 31,222 थी। एक दिन के अंदर 6,653 मामलों की बढ़ोत्तरी ने सरकार को चिंता में डाल दिया है। मुंबई में साप्ताहिक कोरोना मामलों में करीब 19 प्रतिशत की वृद्धि ने मुंबई की मेयर किशोरी पेडणेकर को यह कहने पर मजबूर कर दिया कि तीसरी लहर आ गई है। तो क्या यह मानें कि सच में देश में कोरोना की तीसरी लहर आ गई है। क्योंकि मुंबई में मामले बढ़ रहे हैं, एक समय में जिस केरल मॉडल की सबसे ज्यादा सराहना हुई थी, अभी भारत में रिपोर्ट किए गए कुल मामलों में से आधे से अधिक यहीं से हैं। केरल में एक बड़ी जनसंख्या को कोरोना की वैक्सीन लगने के बावजूद कुल मामलों के सबसे ज्यादा मामले यहीं से हैं। सात सितंबर को इस राज्य से 31 हजार कोरोना के मामले सामने आए हैं। केरल के बाद मुंबई है जहां मामलों में लगातार उछाल देखा जा रहा है। भारत में कुल कोरोना संक्रमणों का लगभग 80 प्रतिशत मामला इन्हीं दोनों राज्यों से है। कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि केरल और महाराष्ट्र में संख्या बढ़ने की वजह उच्च स्तर का परीक्षण है। वहीं कुछ विशेषज्ञ मान रहे हैं कि यह तीसरी लहर है जिसकी सभी ने भविष्यवाणी की थी। एक सप्ताह पहले एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में आइसीएमआर में महामारी एवं संचारी रोग विभाग के प्रमुख डा. समीरन पांडा ने कहा कि देश में तो तीसरी लहर के कोई सीधे संकेत नहीं मिल रहे हैं लेकिन कुछ राज्यों में संक्रमण के बढ़ते मामले इसकी आहट दे रहे हैं।
हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल का कहना है कि अब यदि कोरोना का कोई नया वेरिएंट नहीं आया, तो देश में तीसरी लहर नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि अगर डेल्टा वेरिएंट ही रहा और कोई नया वेरिएंट नहीं आया तो यह मान लेना चाहिए कि हमने कोरोना के खिलाफ यह लड़ाई जीत ली है। केरल के बिगड़े हालात पर उन्होंने यह कहा कि जैसे ही केरल में कोरोना काबू में आएगा, दूसरे राज्यों में भी यह कमजोर पड़ जाएगा। मुंबई में प्रतिदिन कोरोना के 300 से 400 के बीच नए मामले सामने आ रहे हैं। मंगलवार को मुंबई में 353 नए कोरोना के मरीज सामने आए जिससे मुंबई में कोरोना मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 74,7,078 हो गई है। जबकि मुंबई में अब भी 3718 सक्रिय मरीज हैं। महाराष्ट्र सरकार कोरोना की तीसरी लहर की स्थिति का संज्ञान ले रही है। ऐसे में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आगामी त्योहारों को देखते हुए लोगों से भीड़-भाड़ नहीं करने की अपील की है।
वहीं मुंबई की किशोरी पेडणेकर ने लोगों को आगाह किया कि मुंबई के लिए अगले 15 दिन काफी अहम साबित होंगे। उन्होंने कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताते हुए कहा कि कोरोना की तीसरी लहर के बारे में बात करना बेकार है क्योंकि तीसरी लहर आ चुकी है। 10 सितंबर से राज्य में गणपति उत्सव की शुरुआत हो जाएगी। यह महाराष्ट्र के सबसे महत्वपूर्ण त्योहार में से एक है। इस समय पूरा महाराष्ट्र गणपति उत्सव में डूबा रहता है। जगह जगह पंडाल बनाए जाते हैं और बड़ी संख्या में भक्त पंडालों और मंदिरों में गणपति के दर्शन के लिए जाते हैं।ऐसे समय में जब मुंबई महाराष्ट्र के कोविड टैली के शीर्ष पांच में वापस आ गया है तो यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि राज्य सरकार और स्थानीय अधिकारी इस स्थिति को कैसे संभाले है। फिलहाल गणेश चतुर्थी और अन्य त्योहारों के मद्देनजर मुंबई पुलिस ने एक विशेष 13 दस्ते का गठन किया, जो यह सुनिश्चित करेगी कि त्योहारी सीजन के दौरान लोग कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करें।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन की ओर से गठित एक विशेषज्ञ समिति ने हाल ही में कहा था कि देश में सितंबर और अक्टूबर के बीच कभी भी कोरोना की तीसरी लहर के आने की आशंका है। तीसरी लहर की चेतावनियों आशंकाओं के बीच भारत ने कोरोना वैक्सीन के उत्पादन और टीकाकरण की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ाए हैं। भारत में अब तक कोविशील्ड, कोवैक्सीन और रूस की स्पूतनिक वैक्सीन के इस्तेमाल हो रहा है।देश में अब तक 53,29,27,201 लोगों कोविड टीकों की पहली खुराक और 16,39,69,127 लोगों को दूसरी खुराक दी गयी है। भारत ने अब जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल डोज़ वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल को आख़िरकार मंजूरी दे दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि टीकाकरण की वजह से ही स्थिति बेकाबू नहीं हुई है।