New Ad

मुख्य विकास अधिकारी ने मत्स्य विभाग की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का किया निरीक्षण

0

अमेठी : मुख्य विकास अधिकारी ने मत्स्य विभाग द्वारा संचालित प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की लाभार्थिनी चन्द्रावती सिंह पत्नी स्व. हरि सहाय सिंह निवासी इस्माईलपुर बड़ा, ब्लाक भादर में पंगेषियस मछली पालन की परियोजना रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (आरएएस) का निरीक्षण किया। परियोजना के तहत शेड युक्त आठ सीमेन्टेड टैंक, फिल्टर टैंक, मत्स्य आहार गोदाम, कार्यालय, सबमर्सिबिल पम्प एवं जनसेट स्थापित थे। सभी सीमेन्टेड टैंकों में जलापूर्ति हो रही थी। मछलियां उपलब्ध रहीं। जिनका वजन लगभग 800 से 900 ग्राम के बीच था। मौके पर उपस्थित लाभार्थिनी के पुत्र सत्यप्रकाश सिंह ने बताया कि उनके द्वारा परियोजना का निर्माण कार्य अपने अंश की धनराशि से दिसंबर 2020 में प्रारम्भ कराया गया था।

मार्च 2021 तक कार्य पूर्ण करके प्रति टैंक 6000 मत्स्य बीज की दर से कुल 48000 पंगेशियस मत्स्य बीज संचित किया गया है। वर्तमान में मछलियों का औसत वजन 900 ग्राम तक हो गया है। गत सप्ताह तक कुल 25 कुन्तल मछलियों की बिक्री की जा चुकी है। मुख्य विकास अधिकारी डा. अंकुर लाठर के पूछने पर सत्यप्रकाश ने बताया कि आरएएस में एक किग्रा पंगेषियस मछली के उत्पादन पर लगभग 65 से 70 रूपये का खर्च आता है। मौजूदा समय में उसकी बिक्री से 95 से 100 रूपये प्रति किलो प्राप्त होता है। इस प्रकार एक किग्रा में 30 से 35 रूपये का लाभ होता है। लाभार्थी द्वारा बताया गया कि परियोजना की लागत 50 लाख है। जिसमे 30 लाख अनुदान एवं 20 लाख लाभार्थी अंश है। अभी तक अनुदान अंश में 22.80 लाख ही मिला है।

निरीक्षण के दौरान एके शुक्ला सहायक निदेशक मत्स्य द्वारा अवगत कराया गया कि यह परियोजना कम पानी व कम स्थान के सिद्धान्त पर आधारित है। पंगेशियस मछलियां जो शीतकाल में तापमान कम होने पर मरने लगती हैं। की पालन के लिए उपयुक्त विधा है। इस परियोजना द्वारा शीतकाल के बाद भी पंगेशियस मछलियों की उपलब्धता बाजार में बनी रहती है। साथ ही मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देशित किया कि योजना के तहत नियमानुसार अधिक से अधिक लाभार्थियों को लाभान्वित कराना सुनिश्चित करें। इस दौरान खंड विकास अधिकारी भादर, मत्स्य निरीक्षक आरके पांडेय सहित तमाम ग्रामवासी उपस्थित रहे।

Leave A Reply

Your email address will not be published.