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कोविड नियंत्रण के संबंध में टीम-09 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश

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लखनऊ : लगातार प्रयासों से प्रदेश में कोविड संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है। आज प्रदेश में कोई भी ऐसा जनपद नहीं है, जहां 600 से अधिक एक्टिव कोविड केस हों। ऐसे में सभी 75 जिलों को कोरोना कर्फ्यू से छूट दी जा रही है। पूरे प्रदेश में सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 07 बजे से सायं 07 बजे तक बाजार खुलेंगे। आवागमन अन्य गतिविधियां सामान्य रूप से संचालित हो सकेंगी। रात्रिकालीन बंदी और साप्ताहिक बंदी की व्यवस्था सभी जगह एक समान रूप से लागू होगी।

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस की तीव्रता अब मंद हो चली है।पॉजिटिविटी दर मात्र 0.2% रह गई है, जबकि रिकवरी दर बेहतर होकर 97.9% हो गया है। उत्तर प्रदेश में कुल 14,067 कोरोना मरीजों का उपचार हो रहा है। लगभग इतने ही एक्टिव केस 02 अप्रैल को थे।

विगत 24 घंटे में कोविड संक्रमण के 797 नए केस आए हैं। लगातार दो दिनों से दैनिक केस 1000 से कम ही आ रहे हैं।इसी अवधि में 2,226 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज भी हुए हैं। 9,000 लोग होम आइसोलेशन में उपचाराधीन हैं। अब तक कुल 16 लाख 64 हजार लोग कोरोना संक्रमण से स्वस्थ हो चुके हैं।

अब बुधवार से सभी जिलों को कोरोना कर्फ्यू में छूट दी जा रही है। स्थिति सामान्य हो रही है। ऐसे में हर प्रदेशवासी की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। हमें यह समझना होगा कि वायरस कमजोर हुआ है, खत्म नहीं हुआ। संक्रमण कम हुआ है, पर जरा सी लापरवाही संक्रमण को फिर बाधा सकती है। सभी लोग मास्क, सैनिटाइजेशन, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे कोविड बचाव के व्यवहार को जीवनशैली में शामिल करें। बहुत जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें। भीड़ से बचें। पुलिस को अपनी सक्रियता और बढ़ानी होगी।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुरूप उत्तर प्रदेश ने ट्रेसिंग-टेस्टिंग को लेकर शुरू से ही सटीक रणनीति अपनाई है। प्रति पॉजिटिव केस सैम्पल के पैमाने पर महाराष्ट्र में जहां 6.4 टेस्ट प्रति पॉजिटिव केस किए गए, वहीं कर्नाटक में 11.5, केरल में 08, दिल्ली में 14, तमिलनाडु में 12.8 और आंध्र प्रदेश में 11.4 टेस्ट प्रति पॉजिटिव केस किए गए हैं। उत्तर प्रदेश की स्थिति इस मानक पर भी बहुत बेहतर रही।एक पॉजिटिव केस की पुष्टि होने पर हमने लगभग 30.5 सैम्पल टेस्ट किए गए हैं। इन्हीं प्रयासों का नतीजा है कि संक्रमण की चेन टूट सकी है और प्रदेश सुरक्षित है।

ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति के अनुरूप उत्तर प्रदेश की नीति के संतोषप्रद परिणाम मिल रहे हैं। बीते 24 घंटों में 02 लाख 84 हजार 911 टेस्ट हुए। उत्तर प्रदेश सर्वाधिक कोविड टेस्ट करने वाला राज्य है। अब तक यहां 05 करोड़ 19 लाख 08 हजार 115 सैम्पल की टेस्टिंग हुई है।

स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करने के लिए प्रदेशव्यापी कार्यक्रम चल रहा है। यह सुखद है कि सांसद, विधायक गणों सहित सभी जनप्रतिनिधियों  सीएचसी, पीएचसी को गोद लेने में रुचि दिखाई है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से संपर्क कर उन्हें भी इस महाभियान से जोड़ा जाना चाहिए। आईएमए के स्तर से भी सीएचसी/पीएचडी गोद लिया जाना चाहिए। व्यवस्था को और बेहतर करने में यह सहयोग महत्वपूर्ण होगा।

कोविड के कारण जिन बच्चों के माता-पिता का देहांत हुआ है, उनके लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना प्रारंभ की गई है। इसी प्रकार, नॉन कोविड बीमारियों से जिन बच्चों के अभिभावकों का निधन हुआ है, उनके पालन-पोषण और शिक्षा-दीक्षा का भी समुचित प्रबन्ध किया जाना आवश्यक है। 18 वर्ष से अधिक उम्र के ऐसे बच्चे जो सभी  पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें भी सभी जरूरी संसाधन दिए जाने चाहिए। इन विषयों पर संवेदनशीलता के साथ अच्छी कार्ययोजना तैयार की जाए। राज्य सरकार सभी अनाथ/निराश्रित बच्चों को विकास के सभी अवसर उपलब्ध कराएगी।

जिन बच्चों को नियमानुसार गोद लिया जा चुका है, उनकी भी देखभाल की जानी चाहिए। यह सुनिश्चित हो कि गोद लिए गए बच्चों के लालन-पालन, शिक्षा आदि के बेहतर प्रबंध किये गए हैं। नियमित अंतराल पर संबंधित अभिभावकों से संपर्क होना चाहिए।

आंगनबाड़ी केंद्रों को और व्यवस्थित करने की आवश्यकता है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को यथाशीघ्र स्मार्टफोन दिया जाए। ताकि डाटा अपलोडिंग आदि कार्य सुचारू हो सके। उनके प्रशिक्षण का कार्य भी हो। आंगनबाड़ी केंद्रों के लंबित निर्माण को भी तेजी से पूरा कराया जाए।

कोविड वैक्सीनेशन संक्रमण से बचाव का सुरक्षा कवर है। आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने आगामी 21 जून से सभी आयु वर्ग के टीकाकरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा वैक्सीन उपलब्ध कराने की घोषणा की है। उनका यह प्रयास टीकाकरण को और गति देने वाला है। केंद्र सरकार से संपर्क कर समुचित दिशा निर्देश प्राप्त करते रहें। अब तक प्रदेश में 02 करोड़ 08 लाख से अधिक डोज लगाए जा चुके हैं। इस माह एक करोड़ डोज वैक्सीन लगाने का है।

कोरोना वॉरियर्स, पुलिस कर्मी, अथवा किसी राज्य कर्मचारी की मृत्यु यदि कोविड संक्रमण से हुई हो तो विभाग द्वारा संबंधित परिवार के साथ संवेदनशीलता और सहानुभूतिपूर्वक यथोचित सहयोग किया जाए। अनुग्रह राशि का भुगतान हो या मृतक आश्रित सेवायोजन अथवा अन्य कोई प्रकरण, कोई फाइल लंबित न रहे। जिलों में जिलाधिकारी और शासन स्तर पर विभागीय प्रमुख इसकी मॉनीटरिंग करें।

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