लखनऊ : प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ स्थित राम मनोहर लोहिया अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड का निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान उनके साथ कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना भी मौजूद रहे। इमरजेंसी वार्ड में मुख्यमंत्री योगी ने स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया साथ ही अस्पताल में भर्ती मरीजों से बातचीत कर उनका हालचाल भी जाना। उन्होंने इमरजेंसी वार्ड में कोविड-19 और सामान्य मरीजों की भर्ती के लिए व्यवस्थाएं देखीं। इमरजेंसी वार्ड में आने वाले मरीजों को किस तरह से रेड, येलो और ग्रीन जोन में भेजा जाता है इसके बारे में मुख्यमंत्री ने विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने मरीज के पर्चा काउंटर स्क्रीनिंग और फीवर क्लीनिक के बारे में भी पूछताछ की। निदेशक प्रोफेसर एके त्रिपाठी ने संस्थान में की गई तैयारियों के बारे में जानकारी दी। मुख्यमंत्री योगी ने इमरजेंसी में आने पर कोरोना के संदिग्ध मरीजों को भर्ती करने के लिए अलग से बनाए गए वार्ड को भी देखा। इस दौरान मुख्य चिकित्सा सचिव (सीएमएस) डॉक्टर विक्रम सिंह, डॉ. भुवन चंद तिवारी, डॉ. श्रीकेश सिंह, डॉ. राजीव रतन सिंह आदि मौजूद रहे।
लोहिया की इमरजेंसी में अव्यवस्था से योगी नाराज
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लोहिया संस्थान के हॉस्पिटल ब्लॉक की इमरजेंसी का जायजा लिया। यहां पर मुख्यमंत्री को बड़े पैमाने पर अव्यवस्था नजर आई। स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की इमरजेंसी के सामने तीमारदारों की खचाखच भीड़ लगी थी। इस पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द भीड़ नियंत्रित करने की रणनीति बनाएं। इसके अलावा जनरल इमरजेंसी के सामने स्ट्रेचर पर गद्दे तो पड़े थे पर उनमें चादरें नहीं बिछी थी। इस पर भी उन्होंने आपत्ति जाहिर की है।
सुबह करीब 10:30 बजे मुख्यमंत्री लोहिया हॉस्पिटल ब्लॉक की इमरजेंसी पहुंचे। सबसे पहले वह स्त्री रोग विभाग की इमरजेंसी में पहुंचे। यहां इलाज की व्यवस्थाओं को देखा। इमरजेंसी के बाहर तीमारदारों की भीड़ लगी थी। उन्होंने संस्थान के निदेशक डॉ एके त्रिपाठी को भीड़ पर नियंत्रण के निर्देश दिए और कहा कि इमरजेंसी व अस्पताल में मरीजों के साथ कम से कम तीमारदार रहे। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इस नियम को सख्ती से पालन कराएं। इसके बाद मुख्यमंत्री जनरल इमरजेंसी में पहुंचे। इलाज की व्यवस्थाएं देखी। इमरजेंसी के बाहर स्ट्रेचर रखे थे। जिनमें गद्दे तो पड़े थे पर चादरें नहीं थी। इस पर निदेशक ने बताया कि स्ट्रेचर से मरीजों को टायज वार्ड में शिफ्ट किया जाता है। दोबारा स्ट्रेचर को सैनिटाइज किया जाता है। ताकि किसी भी तरह के संक्रमण से मरीजों को बचाया जा सके। मुख्यमंत्री के साथ चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना दी थे।
यह दिए निर्देश
-इमरजेंसी में डॉक्टरों की संख्या बढ़ाई जाए। जब इमरजेंसी में ज्यादा डॉक्टर तैनात होंगे तो मरीजों को जल्द से जल्द इलाज मिलेगा। इलाज का इंतजार कम होगा। भीड़ भी कम होगी।
-इमरजेंसी के बाहर भीड़ न एकत्र होने दे।
-सभी बेड व स्ट्रेचर पर गद्दे, साफ-सुथरी चादरें बिछाई जाएं।
-इमरजेंसी के बाहर तीमारदारों की भीड़ न लगने दें।
-सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए।
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