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रेमडेसिविर पर मुख्यमंत्री योगी  बोले- जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी पर लगेगा रासुका

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यूपी : के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि रेमडेसिविर जैसी जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाज़ारी बड़ा अपराध है। इसमें संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट अथवा रासुका के अंतर्गत कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। ऐसे लोगों के बारे में समाज में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। रेमडेसिविर सहित किसी भी प्रकार के जीवनरक्षक दवाओं की कोई कमी नहीं है। सभी जिलों में इनकी उपलब्धता सुनिश्चित रखी जाए। इस कार्य में किसी प्रकार की शिथिलता स्वीकार्य नहीं है। मुख्यमंत्री सोमवार को कोविड के कारण पैदा हुए हालात की अफसरों संग समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रेमडेसिविर के 20,000 से 30,000 बॉयल सोमवार को ही प्रदेश को प्राप्त हो जाएंगे। आने वाले तीन दिनों के भीतर रेमडेसिविर की नई खेप भी प्राप्त हो रही है। इनका वितरण पारदर्शितापूर्ण ढंग से किया है। सभी आपूर्तिकर्ताओं से संवाद स्थापित कर प्रदेश की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मांग प्रेषित करें।

उन्होंने अफसरों को निर्देश दिया कि प्रदेश में ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाली सभी औद्योगिक इकाइयों को चिन्हित कर उनसे संपर्क करें। इनमें एमएसएमई इकाइयों की संख्या बहुतायत है। विशेष परिस्थितियों को छोड़कर फिलहाल सभी औद्योगिक इकाइयों द्वारा उत्पादित कुल ऑक्सीजन का इस्तेमाल मेडिकल संबंधी कार्यों में ही किया जाए। इन इकाइयों के समीप स्थित अस्पतालों से समन्वय बनाकर इन्हें ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जाए। औद्योगिक इकाइयों से ऑक्सीजन वितरण की प्रक्रिया पारदर्शी रखी जाए। मंत्री एमएसएमई और एसीएस एमएसएमई इस कार्य को तत्परता से पूरा करें।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि प्रदेश में ऑक्सीजन की सुगम उपलब्धता सुनिश्चित करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। डीआरडीओ की सहायता से अगले दो-तीन दिनों में 220 सिलेंडर की क्षमता वाला नया ऑक्सीजन प्लांट स्थापित कर क्रियाशील कर दिया जाएगा। इसके साथ-साथ प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर हर सप्ताह तीन-तीन नए ऑक्सीजन प्लांट भी स्थापित किए जाएंगे। नवीन प्लांट्स के क्रियाशील होने के बाद प्रदेश में ऑक्सीजन की उपलब्धता और बेहतर हो जाएगी।

भारत सरकार से 750 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आवंटित हो गया है। आवश्यकतानुसार आपूर्ति सुनिश्चित करें। इसमें देरी न हो। इसके वितरण में पारदर्शिता रखी जाए  कुछ क्षेत्रों से ऑक्सीजन सिलेंडर के अभाव की सूचना प्राप्त हुई ह देश के सभी सिलेंडर आपूर्तिकर्ताओं से संवाद स्थापित करें। आवश्यकतानुसार सिलेंडर की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। इन कार्यों के लिए धन का कोई अभाव नहीं है।सभी अस्पतालों और ऑक्सीजन प्लांट्स में 24×7 बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा मेडिकल ऑक्सीजन की सुचारु आपूर्ति के संबंध में स्थापित कंट्रोल रूम 24×7 सक्रिय रहे। केजीएमयू और आरएमएल हॉस्पिटल को पूरी क्षमता के साथ कोविड समर्पित अस्पताल के रूप में संचालित किया जाए लखनऊ स्थित बलरामपुर हॉस्पिटल में 255 बेड्स की क्षमता वाला डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल क्रियाशील हो चुका है। इसे बढ़ाकर 700 बेड तक किया जाए।केजीएमयू और आरएमएल हॉस्पिटल को पूरी क्षमता के साथ कोविड समर्पित अस्पताल के रूप में संचालित किया जाए। यह तीन चिकित्सा संस्थान सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। चिकित्सा शिक्षा मंत्री इस व्यवस्था को तत्काल सुनिश्चित करें।

लखनऊ स्थित एरा, हिन्द, डीएस मिश्रा, इंटीग्रल और मेयो मेडिकल कॉलेज को पूरी क्षमता के साथ कोविड हॉस्पिटल के रूप में क्रियाशील रखा जाए। इन कोविड अस्पतालों की आवश्यकताओं का पूरा ध्यान रखा जाए।प्रदेश में किसी भी मेडिकल कॉलेज को मान्यता दिए जाने से पूर्व यह सुनिश्चित किया जाए कि संबंधित मेडिकल कॉलेज में स्वयं का ऑक्सीजन प्लांट जरूर हो। मेडिकल एजुकेशन विभाग द्वारा इस व्यवस्था को तत्काल प्रभावी बनाया जाए।

न्यूनतम 100 बेड वाले सभी अस्पतालों में स्वयं का ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने की दिशा में कार्रवाई की जाए र्तमान स्थिति में न्यूनतम 100 बेड वाले सभी अस्पतालों में स्वयं का ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने की दिशा में कार्रवाई की जाए। इस संबंध में विधायक निधि का सहयोग लिया जा सकता है। होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों को न्यूनतम एक सप्ताह का मेडिकल किट उपलब्ध कराया जाए। मरीजों से हर दिन संवाद स्थापित किया जाए। 108 एम्बुलेंस की आधी संख्या केवल कोविड मरीजों के लिए उपलब्ध कराई जाए। एम्बुलेंस का रिस्पॉन्स टाइम कम से कम हो, इसके लिए विशेष प्रयास किए जाएं।

स्वास्थ्य मंत्री यह व्यवस्था सुनिश्चित करें। कोविड की इस विभीषिका के बीच प्रदेश सरकार हर नागरिक की समस्याओं के समाधान और जरूरतों की पूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्धतापूर्वक कार्य कर रही है। हमारी प्राथमिकता एक-एक व्यक्ति की जान बचाना है। इसलिए सभी कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन एवं आवश्यक दवाओं की उपलब्धता के साथ ही होम आइसोलेशन में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को मेडिकल किट की उपलब्धत सुनिश्चित की जाए। पब्लिक एड्रेस सिस्टम का भरपूर उपयोग करते हुए लोगों को जागरूक किया जाए पब्लिक एड्रेस सिस्टम का भरपूर उपयोग करते हुए लोगों को जागरूक किया जाए।

 

निगरानी समितियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। जागरूकता के लिए प्रचार-प्रसार संबंधी सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। सार्वजनिक स्थानों पर कोविड हेल्प डेस्क पूरी तरह सक्रिय रहें। लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज जैसे अति प्रभावित जिलों के साथ-साथ सभी जिलों में कोविड मरीजों के लिए बेड्स की संख्या मौजूदा स्थिति से दोगुनी की जाए। किसी प्रकार की जरूरत हो तो तत्काल शासन को अवगत कराएं। कोविड टेस्टिंग के लिए नवीन प्रयोगशालाओं की स्थापना अथवा टेस्टिंग क्षमता के विस्तार के लिए इच्छुक संस्थाओं को शासन स्तर से पूरा सहयोग प्रदान किया जाए। टेस्ट क्वालिटी के साथ ही हों, यह सुनिश्चित किया जाए।

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