
रायबरेली: बछरावां , एक तरफ सरकार सारे सरकारी कार्यों में आधार कार्ड का प्रयोग करवा कर नागरिकों को सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान कर रही है। जिससे फर्जीवाड़ा होने की कोई आशंका ना रहे। वहीं दूसरी तरफ पूर्व की भांति कई जगह आधार कार्ड ना बन कर अब केवल आधार नामांकन केंद्र डाकघर केंद्रों को ही बनाया गया है।उसी क्रम में बछरावां डाकघर में भी आधार नामांकन केंद्र बना है जो कई महीनों से बंद पड़ा है।कभी स्टाफ नहीं है कभी सर्वर नहीं है।
भिन्न-भिन्न तरीके के बहानों को ईजाद करके आधार नामांकन नहीं किया जा रहा है।जिससे क्षेत्र के सैकड़ों लोग बेहाल है। आधार नामांकन केंद्र पर आकर पोस्ट मास्टर से गुहार लगाते हैं लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहता है।अब परेशान बेहाल लोग जाएँ तो जाएँ कहां।उनके कार्य रुके पड़े हैं जैसे स्थानीय राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में प्रवेश के समय आधार कार्ड का आधार नंबर अनिवार्य होता है।
उनके अभिभावक रोज गणेश परिक्रमा कर रहे हैं।आधार कार्ड नहीं बन पा रहा है आधार कार्ड के लिए जिम्मेदार अधिकारी बात करने पर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।वहीं दूसरी तरफ गुप्त सूत्रों द्वारा ज्ञात हुआ है चोरी चुपके ले देकर भी आधार कार्ड बनाया भी जा रहा है। संवाददाता ने जब इस बारे में बछरावां उप डाकघर के उप डाकपाल राकेश कुमार मिश्रा से बात की तो पोस्ट मास्टर ने बताया कि प्रिंटर खराब है
इसलिए आधार कार्ड नहीं बनाए जा रहे है। ऐसे है बछरावां नगर के जिम्मेदार अधिकारी तो कैसे चलेगा काम। क्योंकि बिना आधार कार्ड के कोई भी सरकारी योजना एडमिशन आदि नहीं हो पा रहे हैं। जुलाई माह चल रहा है कैसी होंगी बच्चों के एडमिशन कैसे लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। यह एक यक्ष प्रश्न है पूरी तरह से तानाशाही का माहौल कायम है।इससे अच्छा तो तब था जब निशुल्क के नाम पर कंप्यूटर सेंटर वाले 50 रुपए लेकर खुलेआम आधार कार्ड बनाते थे।
लोगों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता था। लोगों को मानसिक उत्पीड़न आधार कार्ड बनवाने के नाम पर इस समय किया जा रहा है।