लखनऊ : कहते हैं जिसका कोई नहीं होता उसका ऊपर वाला होता है कभी-कभी इंसान भी ऐसा काम कर जाते हैं कि उनको लोग धरती के भगवान का दर्जा दे देते हैं । जी हां मामला कुछ ऐसा ही है, उत्तर प्रदेश के पुलिस विभाग में कभी-कभी कुछ पुलिसकर्मियों द्वारा ऐसे काम किए जाते हैं जिससे कि विभाग को शर्मिंदगी उठानी पड़ जाती है तो कभी कभी कुछ पुलिस कर्मियों द्वारा ऐसे सराहनीय कामों को अंजाम दिया जाता है जिससे कि विभाग के हर कर्मचारी व आला अधिकारियों का भी सीना चौड़ा हो जाता है उन्हें फ़क्र होता है कि उनके विभाग में ऐसे भी लोग हैं जिनके अंदर इंसानियत कूट-कूट कर भरी है।
मामला थाना मड़ियांव क्षेत्र का है जहां पर प्रभारी निरीक्षक मड़ियांव मनोज कुमार सिंह को कंट्रोल रूम से एक सूचना मिलती है कि आई एम एम रोड पर इंडियन बैंक के पास एक व्यक्ति की असामयिक मृत्यु हो गई और उसके शव के पास एक बच्चा बैठा रो रहा है । सूचना मिलते ही प्रभारी निरीक्षक मड़ियांव मनोज कुमार सिंह थाने से रवाना होकर आई एम एम रोड पर स्थित इंडियन बैंक के पास पहुंचे और उन्होंने देखा कि एक युवक के शव के पास एक बालक बैठा रो रहा है । उससे पूछताछ करने पर उसने बताया कि उसका नाम गोलू है और उसके पिता का नाम कमलेश तिवारी है गोलू की उम्र लगभग 15 वर्ष थी ।
गोलू ने बताया की वह भरावन थाना अतरौली जिला हरदोई का रहने वाला है और उसके पिता कमलेश तिवारी की मौत हो चुकी है तथा उसकी मां मानसिक रूप से विक्षिप्त है जो कि गांव में रहती है। उसने बताया कि वह अपने 17 वर्षीय भाई आदर्श तिवारी के साथ भिठौली अजीज नगर चौराहे पर फुटपाथ पर रहता है दोनों भाई मिलकर इधर-उधर दुकानों पर काम करके किसी तरह अपनी जिंदगी गुजार रहे थे। बड़े भाई आदर्श तिवारी की कुछ दिनों से तबियत खराब चल रही थी जिनकी आज बीमारी के चलते मृत्यु हो गई और उसकी मदद करने वाला कोई नहीं है वह क्या करें उसे कुछ जानकारी भी नहीं है । जिस पर प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार सिंह द्वारा प्रभारी थाना अतरौली हरदोई के जरिए फोन पर बातचीत कर आदर्श की मृत्यु के संबंध में आदर्श की मां व उसके गांव वालों को सूचना दी गई, किंतु उसकी मां बा गांव वालों ने लखनऊ आने में असमर्थता जताई ।
जिसके बाद प्रभारी निरीक्षक मड़ियाओं ने चौकी प्रभारी अजीज नगर अशोक कुमार सिंह सहित थाने की फोर्स को बुलवाया और कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के पश्चात अंतिम संस्कार की सारी सामग्री मंगवा कर मृतक आदर्श तिवारी के शव का हिंदू रीति रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार संपन्न कराया । जिसके बाद प्रभारी निरीक्षक मड़ियाओं ने बालक गोलू को समझा बुझा कर उसे जीवन यापन के लिए 1500 रुपये नगद दिए और उसे उसके गाँव भेज दिया। पुलिस के इस कार्य से आसपास के लोग बहुत खुश हुए और पुलिस की दिल खोल कर तारीफ़ भी की।