अभियान के अंतर्गत संचारी रोगों से बचाव हेतु अधिक से अधिक लोगों को करें जागरूक : डीएम
अमेठी :तृतीय विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान का गुरुवार को मुख्यमंत्री ने लखनऊ से ऑनलाइन शुभारंभ किया। कलेक्ट्रेट स्थित एनआईसी में ऑनलाइन शुभारंभ के दौरान जिलाधिकारी अरुण कुमार, मुख्य विकास अधिकारी डॉ अंकुर लाठर व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि संचारी रोगों तथा दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण तथा इनका त्वरित एवं सही उपचार सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है, संचारी रोगों की रोकथाम के लिए प्रभावी उपाय अपनाते हुए व्यापक अभियान चलाये जाने के निर्देश दिये गये है
जिलाधिकारी ने कहा कि संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं दस्तक अभियान का तृतीय चरण जनपद में दिनांक 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक चलाया जायेगा। इस अभियान के अन्तर्गत साफ-सफाई, कचरा निस्तारण, जल भराव रोकने तथा शुद्ध पेयजल उपलब्धता पर विशेष जोर दिया जाये। संचारी रोग तथा दिमागी बुखार पर सफलतापूर्वक नियंत्रण पाने के लिये सभी विभागों को आपस में समन्वय बनाकर कार्य करें। जिलाधिकारी ने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग संचारी रोगों तथा दिमागी बुखार से सम्बन्धित रोकथाम एवं नियंत्रण गतिविधियों के लिए जनपद, ब्लाक, तथा पंचायत/ग्राम स्तरों पर विभिन्न विभागों के बीच समन्वय हेतु नोडल का कार्य करेगें, संचारी रोगों तथा दिमागी बुखार केसेज की निगरानी, रोगियों के उपचार की व्यवस्था, रोगियों के निःशुल्क परिवहन हेतु रोगी वाहन सेवा की व्यवस्था सहित आदि कार्य सुनिश्चित करायेगें। इसी प्रकार नगर पालिका एवं नगर पंचायतों द्वारा स्वच्छता के उपाय, खुले में शौच न करने, शुद्ध पेयजल के प्रयोग तथा मच्छरों के रोकथाम हेतु जागरूकता अभियान चलाया जाये जैसे खुली नालियों को ढकने की व्यवस्था, शहरी क्षेत्रों में फागिंग किया जाये, नालियों/कचरों की सफाई आदि के कार्य किये जाये
पंचायती राज विभाग द्वारा ग्राम स्तर साफ-सफाई, हाथ धोना, शौचालय की सफाई तथा घर से जल निकासी हेतु जनजागरण के लिये लोगों को जागरूक किया जाये, ग्राम प्रधान ग्राम स्तर पर इसके नोडल अधिकारी होगें। पंचायती राज विभाग द्वारा जलाशयों एवं नालियों की नियमित सफाई, ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा फण्ड से एण्टीलार्वल छिड़काव की व्यवस्था, अपशिष्ट/रूके हुये पानी तथा मच्छरों के प्रजनन की समस्याओं को रोकने के लिये गढ्डों का भराव तथा मकानों के बीच कंकरीट अथवा पक्की ईंटों वाली सड़कों का निर्माण, झाड़ियों की कांट-छाट आदि के कार्य किये जायेगें। महिला एवं बाल विकास विभाग आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के द्वारा अपने क्षेत्र के समस्त कुपोषित तथा अति कुपोषित बच्चों की सूची बनाकर उनको उचित पोषाहार उपलब्ध कराया जाये तथा आवश्यकता होने पर पोषण पुर्नवास केन्द्रो पर भेजा जाये। संचारी रोग तथा दिमागी बुखार हेतु जन जागरण अभियान यथा दस्तक अभियान में स्थानीय एएनएम तथा आशा कार्यकत्रियों को सहयोग करते हुये कार्यक्रम में सक्रिय सहयोग प्रदान किया जाये। शिक्षा विभाग द्वारा अभिभावकों व शिक्षकों का व्हाट्सऐप ग्रुप बनाकर दिमागी बुखार एवं संचारी रोगों से बचाव एवं रोकथाम तथा सुरक्षित पीने के पानी, शौचालय का प्रयोग आदि के सम्बन्ध में जानकारी दी जाये
जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में व्यापक जनजागरूकता हेतु दस्तक अभियान 01 से 15 अक्टूबर तक आयोजित किया जा रहा है जिसमें प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर इन बीमारियों से बचाव तथा उपचार के सम्बन्ध में जानकारी देगें तथा सभी विभाग अपनी-अपनी गतिविधियों का संचालन करेगें। ब्लाक स्तर पर खण्ड विकास अधिकारी ग्राम प्रधानों द्वारा किये जाने वाले समस्त कार्यो के लिये नोडल अधिकारियों की भूमिका निभायेगें तथा उनके द्वारा किये जा रहे कार्यो की प्रगति की निरन्तर समीक्षा करेगें। ग्राम प्रधान समुदाय के सदस्यों, वार्ड सदस्य, सामाजिक समूहों के सदस्यों इत्यादि की बैठक सोशल डिस्टेसिंग के प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुये करेगें। जिलाधिकारी ने बताया है कि दस्तक का शाब्दिक अर्थ है ‘‘दरवाजा खटखटाना’’ परन्तु माह अक्टूबर 2020 के अभियान में कोविड-19 रोग के संक्रमण के दृष्टिगत विशेष सावधानियां अपनाते हुये सोशल डिस्टेसिंग के प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुये बिना किसी भी चीज अथवा सतह को छुये दस्तक अभियान के अन्तर्गत गतिविधियों को सम्पादित की जानी है
इस अभियान के जरिये दिमागी बुखार सम्बन्धित शिक्षा एवं व्यवहार परिवर्तन के संदेश गांव के हर एक घर और परिवार तक पहुॅचाने का हमारा लक्ष्य है। यह जानकारी देनी है कि क्या करना है क्या नहीं करना है ताकि वे समय रहते सही उपाय अपनाने के लिये जागरूक बने। अभियान को प्रभावी बनाने में क्षेत्रीय कार्यकर्ता जैसे आशा, आंगनबाड़ी एवं ए0एन0एम0, स्कूल शिक्षक और प्रधान की अहम भूमिका है। इस अभियान में बुखार के रोगियों का निकटवर्ती सरकारी अस्पताल में त्वरित तथा सही उपचार कराये जाने पर विशेष बल दिया जाना है। उन्होंने सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि सौपे गये दायित्वों का अक्षरशः निर्वहन करें और इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही कदापि न बरती जाये।