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वृहद गौ संरक्षण केंद्र में देखभाल के लिए नहीं जाते अधिकारी, हुई शिकायत

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अमेठी : उत्तर प्रदेश सरकार ने गौशाला केंद्रों का निरीक्षण करने के लिए प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों को जिम्मेदारी दी है। गौशाला में औचक निरीक्षण के लिए उतारे गए अधिकारी भी सरकार के आदेश का अच्छे से पालन कर हैं। ये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फरमान का असर ही है कि भीषण ठंड में भी जिले के उच्च अधिकारी फील्ड पर उतर जाते है और गौशालाओं सहित क्रय केंद्र आदि का निरीक्षण करते दिखाई देते है। लेकिन मंगलवार को जिले में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस में वृहद गौ संरक्षण केंद्र नेवादा के मजदूरों ने आरोप लगाए कि स्थानीय स्तर का कोई अधिकारी देखभाल के लिए गौ संरक्षण केंद्र नहीं जाता है और न ही पिछले कई महीनों से उन्हें वेतन मिला है जिससे उनका परिवार भुखमरी के कगार पर पहुँच गया है।
गौरतलब रहे कि यूपी सीएम गाय, गौशाला, गौरक्षा आदि को सरकार की प्राथमिकताओं में रखते हैं.कई योजनाएं भी चला रखी हैं और गौशाला में निरीक्षण व देखभाल लड़ने को लेकर समय समय पर निर्देशित भी करते रहते है लेकिन मंगलवार को मुसाफिरखाना तहसील परिसर में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस में वृहद गौ संरक्षण केंद्र नेवादा के कर्मियों ने आरोप लगाया कि वे विगत वर्ष 22 जून 2019 से गौ संरक्षण केंद्र में कार्य कर रहे है लेकिन उनको 2000 प्रति माह के हिसाब से सिर्फ तीन माह का ही वेतन दिया गया है। कम मजदूरी और वेतन न मिलने की वजह से उनका परिवार भुखमरी के कगार पर पहुँच गया है और इस सम्बंध में कहने पर कहा जाता है कि काम करना है तो करो नहीं छोड कर भाग जाओ। यही नहीं शिकायत कर्ताओं ने आरोप लगाया कि कोई स्थानीय अधिकारी देखभाल के लिए गौ संरक्षण केंद्र नहीं जाता है। मजदूरों ने सितम्बर माह 2019 से वर्तमान समय तक शेष मजदूरी दिलाने की मांग की है। ग्राम विकास अधिकारी नरेंद्र कुमार ने बताया कि समय समय पर गौ संरक्षण केंद्र पर जाते हैं। वहीं इस सम्बंध में एडीओ पंचायत अरविंद प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि मजदूरों की वेतन विसंगति को जल्द दूर कर दिया जाएगा। समय-समय पशु चिकित्सा विभाग सहित अन्य लोग गौ संरक्षण केंद्र जाते हैं।
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