
दिल्ली : विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले ही विधानसभा के बाहर गुरुवार को कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया। इसके बाद जब सत्र शुरू हुआ तो सदन के अंदर भी भाजपा के विधायकों ने हंगामा किया। हालांकि इस बीच दिल्ली सरकार ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर के तौर पर राकेश अस्थाना की नियुक्ति के खिलाफ सदन में प्रस्ताव पास कर दिया है। इस प्रस्ताव में दिल्ली विधानसभा ने राकेश अस्थाना की नियुक्ति के फैसले को गृहमंत्रालय से वापस लेने को कहा है।
प्रस्ताव पास होने से पहले आप के कुछ विधायकों ने भी राकेश अस्थाना की नियुक्ति पर अपनी बात रखी। मटियाला से विधायक गुलाब सिंह ने सदन में कहा, राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस कमिश्नर नियुक्त करने की क्या जल्दी थी? पूरा करियर- CBI में भ्रष्टाचार, इशरत जहां एनकाउंटर केस संदिग्ध है मोदी-शाह के हर गंदे काम कवर करने में उनका अहम रोल रहा उन्हें आप सरकार को परेशान करने के लिए लाया गया है वहीं बुराड़ी से आप विधायक संजीव झा ने कहा, राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में नियुक्ति अवैध है। दिल्ली को अस्थिर करने के लिए विशेष मिशन के तहत इन्हें लाया गया।
विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी ने पूछा कि, राकेश अस्थाना को आयुक्त के रूप में दिल्ली लाया गया है, इसका विशेष मिशन क्या है? वही गुजरात जैसे हत्या जैसे मिशन? या यह मिशन फेक एनकाउंटर है? या मिशन सांप्रदायिक दंगे? या विरोधियों को कुचलने के लिए? या मिशन स्नूपिंग? सदन की शुरुआत में स्पीकर रामनाथ गोयल ने कहा कि, मोदी सरकार द्वारा सदन के अधिकार छीन लिए जाने के बाद से यह हमारा पहला सत्र है। केंद्र लोकतंत्र की हत्या कर रहा है मुझे दुख है कि विपक्ष भाजपा ने विरोध नहीं किया जब केंद्र ने सदन के संवैधानिक अधिकार छीने। वह आगे बोले, उन्होंने कहा, मुझे बहुत दुख है कि मैंने ये फैसला किया है कि मैं विपक्ष को इस सदन में बोलने के लिए 20 मिनट से ज्यादा नहीं दूंगा। दिल्ली के अधिकार छीनने के अपने कदम के विरोध में भाजपा नेताओं को गृह मंत्री से बात करने जाना चाहिए था।