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किसानों की मौत के पीछे थी साजिश, मुख्य आरोपी आशीष मिश्र की बढ़ीं मुश्किलें

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यूपी : लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मुख्य आरोपित केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र आशीष मिश्र उर्फ मोनू की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं चार किसानों की मौत के मामले की तफ्तीश में जो तथ्य सामने आए हैं, उससे साफ है कि घटना वाले दिन जो भी हुआ वह किसी हालात के वशीभूत नहीं, बल्कि एक साजिश के तहत किया गया। यह कहना है घटना की विवेचना कर रहे इंस्पेक्टर विद्याराम दिवाकर का।

सोमवार को विवेचना कर रहे इंस्पेक्टर विद्याराम दिवाकर ने सीजेएम की अदालत में प्रार्थनापत्र दिया है। उन्होंने अदालत से अनुमति मांगी है कि इस वारदात में जानलेवा हमले, गंभीर चोट कारित करने व अवैध शस्त्र बरामद होने की धाराएं बढ़ाई जानी हैं। अदालत ने मंगलवार को सभी आरोपितों को अदालत में तलब किया है।

अदालत को दी गई अर्जी में लगाई गुहार :

लखीमपुर खीरी हिंसा की विवेचना कर रहे इंस्पेक्टर विद्याराम दिवाकर ने कहा कि अब तक के साक्ष्य संकलन से यह साबित हुआ है कि हिंसा वाले दिन जो भी हुआ वह एक सुनियोजित साजिश के तहत हुआ है इसलिए इस घटना में धारा 304ए समाप्त की जाती है। उसकी जगह जानलेवा हमले की धारा 307, गंभीर चोट देने की धारा 326, अवैध शस्त्र रखने व बरामद होने, लाइसेंसी शस्त्र का दुरुपयोग करने समेत कई अन्य धाराओं का भी अपराध बनता है।

अदालत से विवेचक ने प्रार्थना की है कि उसे इस मामले में ये धाराएं बढ़ाने की अनुमति दी जाए। विवेचक की अर्जी पर सुनवाई करते हुए अदालत ने मंगलवार को सभी 14 आरोपितों को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है।

पूरा मामला :

तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी से 70 किमी दूर तिकोनिया इलाके में दोपहर तीन बजे हिंसा हुई। इसमें कुल आठ लोगों की मौत हो गई आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र की कार ने विरोध प्रदर्शन कर रहे चार किसानों को कुचल दिया था। इसके बाद वहां पर हुई हिंसा में तीन भाजपा कार्यकर्ताओं समेत चार लोग और मारे गए थे।

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