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पकिस्तान में बढ़ रहा कोरोना का कहर

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान में लगातार कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। बाढ़ और बारिश पहले ही पाकिस्तान को परेशान कर रखा है। कोरोना के मामलों ने एक बार फिर पाकिस्तान में रफ्तार पकड़ ली है। पाकिस्तान ने एक दिन के दौरान उच्चतम COVID-19 सकारात्मकता अनुपात 5.46 प्रतिशत दर्ज किया, जो कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के अनुसार पिछले पांच महीनों में सबसे अधिक है।

मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार-

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ने ट्वीट किया, 12 जुलाई 2022 पिछले 24 घंटों में पाकिस्तान में कोविड​​​​-19 से अब तक कुल 30,424 लोगों की मौत दर्ज हुई है, देश में कोवीड ​​​​-19 के 255 नए मामले सामने आए जबकि पिछले 24 घंटों में एक की मौत रिपोर्ट की गई। पाकिस्तान में ​​​​कोविड-19 के लिए 4,674 परीक्षण किए गए, जबकि सकारात्मकता दर 5.46 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटों में 1 मौत हुई तो वहीं गंभीर देखभाल वाले मरीजों की संख्या 141 रही।

एनआईएच के अनुसार, कुल मामलों में से, 141 कोविड ​​​​-19 रोगी गंभीर हैं और विभिन्न चिकित्सा सुविधाओं में गहन देखभाल इकाइयों (आईसीयू) में उनका इलाज किया जा रहा है।

पिछले 24 घंटों के दौरान देश भर में 4,674 नैदानिक ​​परीक्षण किए गए। पिछली बार 17 फरवरी को देश में सकारात्मकता दर 5.55 फीसदी दर्ज की गई थी। मरने वालों की संख्या 40 थी।

कोविड -19 दिशानिर्देश में न हो कोई भी बदलाव

पाकिस्तान वर्तमान में COVID-19 मामलों में एक नया उछाल देखने को मिल रहा है और इसके बीच देश के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (CAA) ने देश में मास्क पहनने पर जोर दिया है, साथ ही तत्काल प्रभाव से घरेलू उड़ानों के लिए मास्क फिर से अनिवार्य करने का निर्देश दिया हैं। सीएए की एक अधिसूचना के अनुसार, सभी संबंधित तिमाहियों को नए आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए। अधिसूचना में कहा गया है कि घरेलू हवाई यात्रा पर अन्य कोविड -19 दिशानिर्देश में कोई भी बदलाव न हो।

विशेषज्ञों ने कहा कि Omicron वेरिएंट के दो सब-वेरिएंट, BA.4 और BA.5, COVID-19 के प्रसार के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि इन वेरिएंट्स में एस्केप म्यूटेशन हैं जो उन्हें बढ़त दे रहे हैं।

जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि सब-वेरिएंट उन लोगों को भी संक्रमित कर रहे हैं जो पहले से ही टीका लगा चुके हैं या पहले से ही कोवीड -19 से संक्रमित हैं, लेकिन यह दिखाने के लिए कोई सबूत उपलब्ध नहीं है कि क्या वे टीकाकरण वाले लोगों में कोई गंभीर बीमारी पैदा कर रहे हैं।

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