लखनऊ : राजधानी में कोरोना संक्रमण को लेकर लोगों में दहशत का माहौल है। स्वास्थ्य विभाग ने 282 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि की है। हांलाकि सीएमओ कार्यालय से प्रतिदिन मिलने वाले रिपोर्ट को बंद कर दिया गया है। ऐसे में जारी हो रहे इन आंकड़ों से लोगों में खासी नाराजगी है।
सिविल अस्पताल के चिकित्सक भी कोरोना के चपेट में आए हैं। यहां टीबी एंड चेस्ट विभाग के दो डॉक्टरों एवं एक स्टाफ नर्स में कोरोना की पुष्टिï हुई है। ये सभी ओपीडी में आए हुए मरीजों के इलाज के दौरान संक्रमित हुए हैं। इन तीनों संक्रमित मरीजों को रायबरेली रोड स्थित लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया गया है। अब तक सिविल अस्पताल में आठ लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं।
सिविल अस्पताल निर्देशक डॉ. डी एस नेगी ने बताया कि संक्रमित हुए डॉक्टर और स्टाफ के संपर्क में आए हुए सभी लोगों की सूची बनाई जा रही है। सूची तैयार होते ही तुरंत सभी लोगों को क्वारंटीन कर दिया जाएगा। नगर निगम के कर्मचारी भी लगातार कोरोना के चपेट में आ रहे हैं। दो-दो दिन तक इनकी भर्ती नहीं हो पा रही है। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। नगर निगम के दो कर्मचारी व एक कर्मचारी का भाई संक्रमित हुआ है। जोन-5 में तैनात कर्मचारी राजकुमार भी कोरोना के चपेट में आ गए।
इससे पूर्व जोन दो में तैनात कर्मचारी श्याम बिहारी शुक्ला व उनके बड़े भाई कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इन तीनों लोगों को भर्ती नहीं कराया गया। इससे नगर निगम कर्मचारी संघ ने नाराजगी व्यक्त की। महापौर व नगर आयुक्त ने डीएम से लेकर सीएमओ तक को फोन किया लेकिन इन्हें लेने के लिए एंबुलेंस नहीं आई। हांलाकि देर शाम तक एंबुलेंस आने की जानकारी मिली। इन्हें ऐरा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।
इसके अलावा रायबरेली रोड स्थित एक प्रसिद्ध मिठाई की दुकान के दो कर्मचारी संक्रमित पाए गए। इस दुकान को सील कर दिया गया है। इसमें करीब दो दर्जन से अधिक कर्मचारी काम करते हैं।
राजधानी के सिविल अस्पताल में कोरोना के मरीजों के लिए एंबुलेंस की सुविधा शुरू की है। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आशुतोष दुबे के अनुसार मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन करते हुए कोरोना के मरीजों के लिए कोविड एंबुलेंस की सुविधा शुरू की गई है। इसके साथ ही बताया की फिलहाल अस्पताल में 3 एंबुलेंस हैं जिसके से एक कोविड पॉजिटिव मरीजों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।