दिल्ली : का मौसम बीते साल के अगस्त महीने से हर महीने कोई रिकॉर्ड तोड़ रहा है। यानी कि एक नया रिकॉर्ड बन भी रहा है। अगर मौसम विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो इस मौसमी गतिविधि या उतार-चढ़ाव की पुष्टि होती है। आंकड़े बताते हैं कि बीते करीब 10 महीने में मौसम से जुड़ा कोई एक रिकॉर्ड अवश्य टूटा है। मौसम विभाग के अधिकारियों और वैज्ञानिकों का कहना है कि दिल्ली और आसपास के इलाकों में मौसम की ये अतिवादी स्थितियां फौरी हैं हां लेकिन इसका नाता जलवायु परिवर्तन से अवश्य जोड़ा जा सकता है।
बीते साल अगस्त में दिल्ली में रिकॉर्ड 236.5 मिमी. बारिश हुई। 2013 से अगस्त के महीने में ऐसा नहीं हुआ था। मौसम विज्ञानियों ने यह भी बताया कि कुल मिलाकर जितनी बारिश हुई उसकी आधी दो दिनों में हो गई। ऐसा 13 और 20 अगस्त को हुआ। बीते साल ही सितंबर के महीने में बेहद गर्मी पड़ी। इतनी जितनी कि करीब दो दशक में नहीं पड़ी थी। उस महीने दिल्ली का औसत अधितकम तापमान 36.2 डिग्री से. रहा। इस तापमान ने 2015 का रिकॉर्ड तोड़ा। साल 2015 में सितंबर में अधिकतम तापमान 36.1 डिग्री सेल्सियस रहा। वैसे साल 2001 में सितंबर में सबसे ज्यादा तापमान दर्ज (36.3 ) किया गया था।
अक्तूबर और नवंबर में मौसम के मिजाज एकदम पलट गया। दोनों महीने ठंडे रहे। बीते अक्तूबर में दिल्ली में सर्दी के मामले में 58 साल का रिकॉर्ड टूटा जबकि न्यूनतम तापमान 17.2 डिग्री रहा। नवंबर में तो पारा 102 डिग्री तक जा पहुंचा। ऐसा 1949 में हुआ था। आमतौर पर अधिक ठंड वाला यह मौसम दिसंबर और जनवरी में भी बरकरार रहा। दिसंबर में आठ दिन लगातार शीत लहर चली। 1965 के बाद ही शीत लहर की यह स्थिति दिल्ली में रही। जनवरी में भी लगातार सात दिन तक शीत लहर का रिकॉर्ड बना। यही नहीं इसी महीने 21 साला में सबसे ज्यादा बरसात (56.6 मिमी.) भी दर्ज की गई।