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शिक्षा की ज्योति जलाये बिना सम्भव नही है वनांचल का विकास : महरुख मिर्ज़ा

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आज़ादी के 75 वर्षों बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है वनग्राम वासी

वन विभाग को रखनी चाहिये खुद अपनी एम्बुलेंस

जनहित में वनांचल के ग्रामीणो के स्वास्थ्य एंव शिक्षा की जिम्मेदारी उठाने आगे आये एनजीओ

बहराइच : कर्तनिया वन्यजीव प्रभाग के प्राकृतिक सौन्दर्य का नज़ारा देखने दूर दराज से ज्यादा पर्यटक यहां पहुंचते हैं। यहां की आबो हवा सभी को खासा प्रभावित करती है। पिछले दिनो कर्तनिया प्रभाग होते हुये चहलवा गांव पहुंचे लखनऊ केएमसी भाषा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति महरुख मिर्ज़ा ने वनग्रामवासियों से मुलाकात करके उनकी जीवन शैली को समझा तथा उन्हें शिक्षा के प्रति जागरुक किया। संवाद के दौरान ग्रामीणो ने वाइसचांसलर को बताया कि पिछले दिनो तेंदुए के हमले में चार लोग बुरी तरह जख्मी हो गये थे किंतु एम्बुलेंस न मिल पाने के कारण उन्हे काफी देर तक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोतीपुर नही ले जाया जा सका बाद में निजी साधन से ग्रामीण उन्हें अस्पताल ले गये।

हिंसक जीवो के हमले के बाद भी घायलो को एम्बुलेंस न मिलने की बात सुनकर आहत दिखे कुलपति महरुख मिर्ज़ा ने कहा कि शिक्षा की अलख जलाये बिना आपका विकास सम्भव नही है क्योंकि आज़ादी के 75 वर्षों बाद भी वनांचल के लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित रह रहर है। यहां की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुये वन विभाग को खुद अपनी एम्बुलेंस रखनी चाहिये। उन्होने कहा कि जनहित में वनांचल के ग्रामीणो के स्वास्थ्य एंव शिक्षा की जिम्मेदारी उठाने एनजीओ समेत कई जनसेवी संस्थाओं को आगे आना चाहिये।

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