उरई। मकर संक्राति का पर्व गुरूवार के दिन हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कालपी में यमुना नदी तथा जगम्मनपुर क्षेत्र में स्थित पंचनदा संगम स्थल एवं सलाघाट जागेश्वर धाम पर श्रद्धालुओ ने आस्था की डुबकी लगाई तथा मंदिरों में पूजा अर्चना की। इसके साथ ही शहरी एवं ग्रामीणी क्षेत्रों में मकर संक्राति पर्व पर जगह-जगह खिचडी भोज कराया गया। शहर के सभी मंदिरों में भारी भीड देखी गई।
गुरूवार का दिन पडनें के कारण भक्तों की सुबह सें शाम तक भीड नजर आई। श्रद्धालुओं ने स्नान कर भगवान के दर्शन किये तथा पूजा अर्चना की। वर्ष के पहले पर्व पर मकर संक्राति का सनातन धर्म में विशेष महत्व माना गया है। मान्यता के अनुसार इस दिन सूर्य उत्तरायण होता है तथा मकर राशि में प्रवेश करता है।
शास्त्रों में उत्तरायण को देवताओं का दिन कहा गया है। इस दिन का स्नान अत्यन्त फलदायी माना जाता है। इससें ग्रहों की स्थिति में परिवर्तन होता है। इससें जातकों को शुभ अशुभ का फल प्राप्त होता है। शास्त्रों के अनुसार इसें शुभ मुहुर्त में स्नान व दान पुण्य करनें व खिचडी करानें से अश्वमेघ यज्ञ का फल प्राप्त होता है।
मान्यता के चलतें गुरूवार कों शहर में भक्ति की ऐसी वयार बही कि सभी श्रद्धालु सरावोर नजर आयें। सुबह सें शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में जगह-जगह भण्डारें का आयोजन किया गया। मकर संक्राति पर्व को लेकर नगर कालपी स्थित यमुना नदी तथा माधौगढ तहसील स्थित पचनदा घाटों पर भारी भीड उमडी नजर आयी। क्षेत्र के अलावा बांदा चित्रकूट, हमीरपुर, मध्य प्रदेश सहित अन्य जिलों के भक्तों ने पचनदा में आस्था की डुबकी लगाई तथा मंदिरों मे विधि विधान सें पूजन किया। साथ ही सूर्य कों अर्घ देकर मन्नत मांगी।