New Ad

कृषि कानूनों पर निष्पक्ष होगी चर्चा, कमेटी मेंबर वार्ता के दौरान अपनी निजी राय हावी नहीं होने देंगे : अनिल घनवट

0

दिल्ली : नए कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के प्रमुख सदस्य अनिल घनवट ने मंगलवार को कहा कि विभिन्न हितधारकों से कृषि कानून पर बातचीत करने के दौरान कमेटी के सदस्य अपनी निजी राय को हावी नहीं होने देंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि वे किसी पक्ष या सरकार के पक्ष में नहीं हैं। आज हुई कमेटी की पहली बैठक के बाद घनवट ने कहा कि किसानों और अन्य हितधारकों के साथ पहली बैठक गुरुवार को प्रस्तावित है

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने 11 जनवरी को चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया था, लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों ने नियुक्त सदस्यों द्वारा पूर्व में कृषि कानूनों को लेकर रखी गई राय पर सवाल उठाए। इसके बाद एक सदस्य भूपिंदर सिंह मान ने खुद को इससे अलग कर लिया है बता दें कि दिल्ली की सीमा पर हजारों की संख्या में किसान करीब दो महीने से नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। केंद्र सरकार और प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच भी नौ दौर की

अलग से बात हुई थी, लेकिन मुद्दे को सुलझाने की यह पहल बेनतीजा रही घनवट शेताकारी संगठन के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि कमेटी 21 जनवरी को किसानों और अन्य हितधारकों से पहले चरण की वार्ता करेगी। उन्होंने कहा कि कमेटी की सबसे बड़ी चुनौती प्रदर्शनकारी किसानों को हमसे बातचीत के लिए तैयार करने की होगी। हम इसका यथासंभव प्रयास करेंगे। घनवट ने कहा कि कमेटी केंद्र और राज्य सरकारों के अलावा किसानों और सभी अन्य हितधारकों की कृषि कानूनों पर राय जानना चाहती है।

उन्होंने कहा कि कमेटी के सदस्य सुप्रीम कोर्ट में जमा करने के लिए रिपोर्ट तैयार करने के दौरान कृषि कानूनों पर अपनी निजी राय को अलग रखेंगे।

भूपिंदर सिंह मान के स्थान पर किसी अन्य को कमेटी में शामिल करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसका गठन सुप्रीम कोर्ट ने किया है और शीर्ष अदालत ही तय करेगी कि किसे नियुक्त करना है। घनवट ने कहा कि हमें जिम्मेदारी दी गई है और हम उसका ठीक से निर्वहन कर रहे हैं उन्होंने कहा कि कमेटी के समक्ष आने को अनिच्छुक उन प्रदर्शनकारी किसानों से हम कहना चाहते हैं कि न तो हम किसी के पक्ष में है और न ही सरकार की ओर से हैं। हम सभी सुप्रीम कोर्ट की ओर से हैं प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों और विपक्षी पार्टियों द्वारा सदस्यों के सरकार समर्थक होने के आरोपों पर घनवट ने कहा कि आप हमारे पास बातचीत के लिए आइए। हम आपकी सुनेंगे और आपकी राय को अदालत के समक्ष रखेंगे। हम सभी से बातचीत करने का अनुरोध करते हैं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.