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डीएम की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई जिला पर्यावरण एवं गंगा संरक्षण समिति की बैठक

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बहराइच:  गंगा व सहायक नदियों में पर्यावरणीय प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण एवं उपशमन और जल के सतत पर्याप्त प्रवाह को सुनिश्चित करने, वित्तीय वर्ष 2024-25 में पौधरोपण, जनपद को प्लास्टिक मुक्त बनाये जाने, जनपद में नदी के किनारे बसे किसानों को जैविक खाद के प्रयोग हेतु प्रेरित करने तथा औद्योगिक प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से सोमवार को देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी मोनिका रानी की अध्यक्षता में जिला पर्यावरण एवं जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक सम्पन्न हुई।

वर्षाकाल 2023 में रोपित किये जाने वाले पौधों की जीवितता, सुरक्षा, सिंचाई तथा समुचित रख-रखाव की समीक्षा के दौरान प्रभागीय वनाधिकारी बहराइच संजय शर्मा ने बताया कि विभागों की ओर से रिपोर्ट प्राप्त नहीं हो रही है। इस स्थिति पर डीएम ने कडी नाराज़गी व्यक्त करते हुए डीएफओ को निर्देश दिया कि 30 नवम्बर तक रिपोर्ट न प्रेषित करने वाले अधिकारियों का वेतन बाधित करने कार्यवाही अमल में लायी जाय। डीएम ने निर्देश दिया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के वर्षाकाल 2024 हेतु 35 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य निर्धारित कर समय से तैयारी प्रारम्भ कर दी जाय।


डीएम मोनिका रानी ने सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिया कि नदियों के दोनों तटों पर बसे ग्रामों के कृषकों को जलीय जीवों एवं पर्यावरण की सुरक्षा के मद्देनज़र रसायनिक उर्वरकों का प्रयोग न करने हेतु कृषकों को जागरूक किया जाय। डीएम ने खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिया है कि नदी तथा जंगल के किनारे बसे गांवों को प्राथमिकता के आधार पर स्वच्छ शौचालयों से आच्छादित किया जाय ताकि पर्यावरण की सुरक्षा के साथ-साथ मानव वन्य जीव संघर्ष की घटनाओं में भी कमी लाई जा सके। जनपद को प्लास्टिक मुक्त बनाये जाने के लिए डीएम ने व्यापक प्रचार-प्रसार कर आमजन में जन जागरूकता लाने के साथ-साथ विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रभावी ढंग से प्रवर्तन की कार्यवाही कर दोषी लोगों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही भी की जाय।
बैठक के दौरान नदी के घाटों का पुनरोद्धार, सरयू में गिरने वाले नालों के पानी को फाइटो रेमीडिएशन प्लान के माध्यम से गंगे पानी के प्रदूषण को कम करना, जनपद में औद्योगिक प्रदूषण को कम करने, आर्द्र भूमि और छोटी नदी पुर्नजीवन के अन्तर्गत टेढ़ी नदी को संरक्षित करने पर चर्चा के दौरान डीएम ने कहा कि  नदियों को प्राकृतिक एवं मूल स्थिति में लाये जाने के लिए जन जागरूकता अत्यन्त महत्वपूर्ण है। यह कार्य जन सहयोग के बिना पूरा नहीं हो सकता है। डीएम ने नदियों के तट पर बसने वाले ग्रामवासियों तथा आमजन को नदियों में प्लास्टिक व कूड़ा कचरा न फेकने हेतु जागरूक करने का भी सुझाव दिया।
इस अवसर पर मुख्य राजस्व अधिकारी अवधेश कुमार मिश्र, नगर मजिस्ट्रेट शालिनी प्रभाकर, उप जिलाधिकारी सदर प्रिंस वर्मा, कैसरगंज के पंकज दीक्षित, महसी के राकेश कुमार मौर्या, पयागपुर के दिनेश कुमार, नानपारा के अजित परेश, मिहींपुरवा के संजय कुमार, डिप्टी कलेक्टर डॉ. पूजा चौधरी, प्रशिक्षु पीसीएस ज्योति चौरसिया, डीसी मनरेगा के.डी. गोस्वामी, नोडल सरयू नहर दिनेश कुमार, अधिशाषी अभियन्ता सरयू ड्रनेज खण्ड शोभित कुशवाहा, जिला कृषि अधिकारी सतीश कुमार, पर्यावरण समिति के सदस्य उत्कर्ष श्रीवास्तव, डिम्पल जैन सहित अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।

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