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प्रधानमंत्री आवास आवंटन में गड़बड़ी : कार्रवाई कब?

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होशंगाबाद : मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले में प्रधानमंत्री आवासों के आवंटन में अनियमितता हुई। चार डीपीआर के माध्यम से स्वीकृत किए गए 1939 आवासों में 913 प्रकरण पट्टे पर, 564 स्वयं की भूमि पर 100 अन्य दस्तावेजों पर एवं 195 आवास आवंटन के प्रकरण बिना दस्तावेजों के ही स्वीकृत कर दिए गए। नगरीय विकास एवं आवास विभाग संचालनालय द्वारा कराई गई जांच में प्रथम दृष्टया अनियमितता सामने आई है। लेकिन विभाग ने कुछ प्रकरणों को समर्पित भी कराया है, लेकिन अब तक उन अधिकारियों पर कार्रवार्ठ नहीं की गई, जो इस अनियमितता के लिए दोषी हैं।

उल्लेखनीय है कि राजधानी भोपाल सहित प्रदेशभर में प्रधानमंत्री आवासों के आवंटन में गड़बड़ी की शिकायतें लगातार आती रही हैं। शिकायत स्थानीय अधिकारियों से लेकर प्रदेश स्तर तक भी हुई हैं, लेकिन ऐसे बहुत कम मामले हैं, जिनमें कार्रवाई हो सकी है। कई ऐसे लोगों को प्रधानमंत्री आवास की राशि आवंटित कर दी गई, जिनके स्वयं के बहुमंजिला मकान बने हैं तथा आवास योजना की पात्रता श्रेणी में नहीं आते। वहीं कई ऐसे हितग्राही योजना से वंचित हैं, जो वास्तविक रूप से इसकी पात्रता रखते हैं।

होशंगाबाद जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना की गड़बड़ी नगर पालिका अधिकारी, होशंगाबाद द्वारा कलेक्टर को पांच जनवरी 2022 को लिखे गए एक पत्र के माध्यम से उजागर हुई। नगर पालिका अधिकारी ने इस पत्र के माध्यम से कलेक्टर को प्रधानमंत्री आवास के 346 में से कुल 260 हितग्राही पात्र होने की जानकारी दी गई थी। गड़बड़ी उजागर होने के बाद प्रशासन ने 129 प्रकरणों का परीक्षण के लिए निकाले एवं 38 समर्पित किए गए। इस अनियमितता के लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं, अब तक शासन और प्रशासन तय नहीं कर सका है और न ही किसी भी अधिकारी को दोषी मानकर कार्रवाई की गई है।

शिकायत में कहा गया है कि मेहमूत आत्मज मुमताज खां सहित 19 लोगों के पहले से मकान हैं।जिनमें कुछ दो मंजिला भी हैं। इसकी हाउस टैक्स की रसीदें भी देखी जा सकती हैं। इन्हें भी ढाई लाख रुपये राशि दी गई। इस प्रकरण की जांच में भी सिर्फ मेहमूद खां को कलेक्टर के अनुमोदन बिना एवं जियो टेगिंग अनुसार भौतिक प्रगति शून्य बताकर इसे अनियमितता तो माना गया, लेकिन शिकायत में उल्लेखित शेष 18 हितग्राहियों को तलाशने तक की कोशिश नहीं की गई।

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