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दीये बना दीपोत्सव की तैयारी में जुटे कुम्हार

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 अयोध्या: योगी सरकार के आस्था का केंद्र दीपोत्सव कुम्हारों को रोजगार देने का भी अवसर उपलब्ध करा रहा है। बाहर से आने वाले दीपों के साथ स्थानीय कुम्हारों को भी दीये बनाने का काम मिला है। कुम्हारों की मानें तो दीपोत्सव के कारण दिवाली का त्योहार आर्थिक रूप से भी उनके घरों में रौनक लेकर आता है। दीपोत्सव में सरयू घाट पर जलते उनके दीप जहां भगवान राम के चरणों में श्रद्धा निवेदित करते हैं, वहीं यह दीप अपने घर पर प्रज्ज्वलित कर वे मां लक्ष्मी से सुखमय जीवन की कामना भी करते हैं। माटी कला बोर्ड के गठन से भी सरकार मिट्टी का कार्य करने वाले कुम्हारों को बढ़ावा दे रही है।

40 कुम्हारों के घर बनाए गए साढ़े छह लाख दीये दीपोत्सव के मद्देनजर 40 कुम्हारों के घर से साढ़े छह लाख दीये तैयार कर लिए गए हैं। इन्हें 15 दिन में बनाया गया है। अभी दीये इनके घर पर ही रखे गए हैं। 27 सितंबर से इन दीयों को एकत्र किया जाएगा। साथ ही इन कुम्हारों को जल्द ही और दीये बनाने का ऑर्डर मिलने की संभावना है। कुम्हारों ने बताया कि दीयों के इन ऑर्डर को कम समय में ही तैयार किया गया है।

बढ़ जाती है आय जयसिंहपुर के कुम्हार रामनवमी कहते हैं कि उनके बनाए दीयों में सोंधी खुशबू भी है। यह दीये शुद्ध मिट्टी से बने होते हैं। दीपोत्सव में हमारे बनाए दीयों से भी सार्थकता सिद्ध होती है। अयोध्या के बने दीये शुद्ध हैं। रामनवमी को दीपोत्सव के लिए 20 हजार दीये बनाने हैं। आम तौर पर महीने में ढाई हजार व वर्ष भर में वे 25 हजार दीये तैयार करते हैं। महीने में 5 से 7 हजार व वर्ष भर में 50-60 हजार रुपये कमा लेते हैं,  पर कार्तिक मास में दीपोत्सव के मद्देनजर मासिक आय 10 से 15 हजार के करीब हो जाती है। इस मास में योगी सरकार हमारे लिए अधिक खुशियां ले आती हैं।

हमारी दिवाली को उजियारा करती है योगी सरकार पुष्पा देवी को 10 हजार दीप बनाने का कार्य मिला है। वे कहती हैं कि इसके लिए कुछ महिलाओं को साथ जोड़ा है। दीपोत्सव से हम सभी के घर में प्रकाशोत्सव मनाया जाता है। हमारी सूनी दिवाली को उजियारा करने में दीपोत्सव  का बड़ा योगदान है। एक साथ 10 हजार दीपों की बिक्री से होने वाली आय के कारण घर में काफी खुशियां आ जाती हैं। सरकार यह दीपोत्सव हमेशा करती रहे।

बच्चे फोड़ पाते हैं पटाखे कुम्हार आशा देवी भी दीपोत्सव के मद्देनजर दीप बनाने में व्यस्त हैं। इन्हें 8 से 10 हजार दीये तैयार करने हैं। इससे उनकी आय काफी हद तक हो जाती है। इससे मिठाइयां, पटाखे व जरूरत की चीजें खरीदकर खुशनुमा दिवाली मनाती हैं। वहीं इन पैसों के कारण बच्चे भी पटाखे फोड़ पाते हैं। यह सब योगी सरकार की देन हबाबू, सरकार हमें काम भी तो दे रही है

कुम्हार बबलू प्रजापति के मुताबिक उन्हें 15 हजार दीये बनाने का ऑर्डर मिला है। और दीये बनाने का ऑर्डर मिलने की संभावना है। इस बार पिछले साल के मुकाबले ज्यादा दीये बनाने का ऑर्डर मिला है। मिट्टी के दीए बनाने वालीं रेनू देवी भी सरकार के आस्था के साथ रोजगार से जोड़ने की इस पहल की काफी सराहना करती हैं। वे कहती हैं कि सरकार ने मिट्टी, कुम्हार, दीपोत्सव को संस्कृति से जोड़कर अनुपम बना दिया। जयसिंह पुर गांव के ही विनोद कुमार कहते हैं कि इससे हमारी आजीविका भी रास्ते पर आती है। बाबू, हमें काम भी मिल रहा है।

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