
बहराइच : कृषि तकनीकी प्रबन्ध अभिकरण की शासी परिषद (गवर्निंग बोर्ड) एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना तथा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की समीक्षा हेतु शुक्रवार को देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न हुई। जिसमें कृषि एवं एलाइड विभागों द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 में जनपद में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एवं प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत विभिन्न कार्यक्रमों पर किये गये व्यय की विभागवार समीक्षा की गयी।
समीक्षा बैठक के दौरान जिला उद्यान अधिकारी द्वारा कम्पोनेन्टवाइज सूचना उपलब्ध न कराने पर डीएम ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिया कि आरकेवीवाई से रू. 398.95 लाख एवं पीएमकेएसवाई से रू. 322.72 लाख व्यय की गयी धनराशि की कार्यवार कम्पोनेन्टवार तथा जियो टैगिंग सहित सूचना उप निदेषक कृषि के माध्यम से 03 दिवस के अन्दर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। लघु सिंचाई विभाग की समीक्षा के दौरान वर्ष 2020-21 में करायी गयी बोरिंग का एक समिति के माध्यम से सत्यापन कराये जाने के निर्देश दिये गये। भूमि संरक्षण अधिकारी (कृषि) द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत कराये गये कार्यों की समीक्षा के दौरान मुख्य विकास अधिकारी कविता मीना द्वारा ब्लाक चित्तौरा में रुर्बन मिशन योजनान्तर्गत चयनित किसी एक ग्राम पंचायत को भी आच्छादित कराने के निर्देश दिये गये तथा उप निदेशक कृषि को कार्य का पर्यवेक्षण करने के लिए निर्देशित किया गया। सी.डी.ओ. ने भूमि संरक्षण अधिकारी को योजनान्तर्गत सभी प्रदर्शनों के आयोजन की जियो टैगिंग सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये।
बैठक के दौरान भूमि संरक्षण अधिकारी सिंचाई एवं जल संसाधन (शारदा कमाण्ड) को निर्देशित किया गया कि विगत वर्ष कराये गये सभी कार्यों तथा वर्तमान में ऐसे सभी कार्य जिनके टेण्डर मुख्यालय द्वारा किये जा रहे उसकी सूची उपलब्ध करायें। इस सम्बन्ध में उप निदेषक कृषि को निर्देश दिया गया कि टीम बनाकर सत्यापन एवं औचित्य से अवगत करायें। मत्स्य विभाग की समीक्षा के दौरान विभागीय योजनान्तर्गत अतिशीघ्र लाभार्थियों का चयन कर प्रगति सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये। पशुपालन विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को जनपद की गौशालाओं से उपार्जित गोबर की खाद अन्य कृषकों को मुहैया कराने हेतु एक रेट लिस्ट तैयार कर अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार कराने के निर्देश दिये गये। साथ ही जनपद में आर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए जिला उद्यान अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी तथा जिला कृषि अधिकारी को निर्देशित किया गया। जिला गन्ना अधिकारी के बाहर रहने के कारण विभागीय कार्यों की समीक्षा न होने पर डीएम ने नाराज़गी व्यक्त करते हुए भविष्य के लिए सम्बन्धित अधिकारी सचेत किया। रेशम विकास विभाग की समीक्षा के दौरान विभागीय अधिकारी को रेशम विकास योजना से अधिक से अधिक महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देष दिये।
कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान फसल बीमा योजना में अच्छा कार्य किये जाने तथा प्रदेश में गैर ऋणी कृषकों का बीमा कराने में द्वितीय स्थान प्राप्त करने पर डी.डी. एग्री की प्रशंसा की गयी। सब मिशन आन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन योजनान्तर्गत संचालित रू. 394.78580 लाख की जिला कृषि कार्ययोजना 2021-22 की कम्पोनेन्टवाइज प्रस्तावित कार्ययोजना को सदन में उपस्थित सभी विभागों के अधिकारियों/कृषकों आदि की सहमति से मंजूरी भी प्रदान की गयी। इस योजना से जनपद में कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य, दुग्ध, रेशम विकास विभाग के अन्तर्गत जनपद स्तरीय किसान मेला, कृषकों का प्रशिक्षण भ्रमण, क्षमता विकास प्रदर्शन, किसान गोष्ठी, एसआरईपी का पुर्नगठन, कृषक वैज्ञानिक संवाद, मानदेय आदि कार्यक्रमों के आयोजन के माध्यम से ऊर्जावान कृषक प्रशिक्षित किये जायेंगे जो जनपद के अन्य कृषकों को भी प्रेरित कर उनकी उत्पादकता दोगुनी कराकर आमदनी में वृद्धि सुनिश्चित हो सकेगी।
जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र ने सभी सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिया कि सब मिशन आन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन योजनान्तर्गत संचालित कार्यक्रमों की जियो टैगिंग कराते हुए कार्यक्रमों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने प्रदेश स्तर पर एसएफएसी बैठक में प्रतिभागिता करने हेतु ब्लाक चित्तौरा के ग्राम सोहरवा निवासिनी पार्वती देवी का नाम भेजने हेतु निर्देशित किया। जनपद में गठित कृषक उत्पादक संगठनों की समीक्षा के दौरान पाया गया कि कई संगठन जैविक खेती में अच्छा कार्य कर अपने उत्पाद की दूसरे जनपदों में बिक्री कर अच्छा मुनाफा कमा रहे है। इस सम्बन्ध में डीएम ने जैविक खेती को बढ़ावा देने उतपादों की ब्रांडिंग कराये जाने के निर्देश दिये। जिला उद्यान अधिकारी को निर्देश दिया गया कि जनपद में जैविक खेती करने वाले सभी किसानों का ग्रुप बनाकर, उनके द्वारा उत्पादित, उत्पाद की ब्रांडिंग व बिक्री को बढ़ावा देने की कार्यवाही सुनिश्चित करते हुए जनपद मुख्यालय के आसपास जैविक उत्पाद बिक्री केन्द्र हेतु भूमि चिन्हित करे जिससे कृषकों को उनके जैविक उत्पाद का वाजिब मूल्य प्राप्त हो सके। बैठक में कृषि एवं एलायड विभागों के अधिकारियों के साथ कृषक भी मौजूद रहे।