प्रयागराज : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि कोरोना के कारण कुंभ में स्नान का स्वरूप बदल सकता है। लेकिन कुंभ मेला अपने नियत योग पर ही शुरू होगा। उस दौरान कोरोना संक्रमण रहा तो अखाड़ों की पेशवाई नहीं निकाली जाएगी। अखाड़ों के संत ही अखाड़ों के देवी-देवताओं के साथ गंगा स्नान करेंगे।
पत्रकारों से बातचीत में नरेंद्र गिरी ने कहा कि अभी कुंभ शुरू होने में काफी समय है। कुभ शुरू होने के साथ जो परिस्थिति सामने आएगी, तब अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से जुड़े तेरह अखाड़े बैठक करके निर्णय लेंगे। नरेंद्र गिरी ने कहा कि कुंभ को लेकर उनकी मुख्यमंत्री से फोन पर बातचीत हुई है। मुख्यमंत्री ने हरिद्वार या देहरादून में बैठक बुलाने की बात कही है। कहा कि कोरोना के कारण कुंभ के स्वरूप पर परिवर्तन भी किया जा सकता है। कोरोना संक्रमण रहा तो बाहर से श्रद्धालु नहीं आ सकेंगे। लेकिन सरकार को अपनी तैयारी पूरी रखनी चाहिए। कुंभ कार्यों की सुस्त गति पर नरेंद्र गिरी ने कहा कि सरकार को काम में तेजी लानी चाहिए। हजारों साधु-संत कुंभ में आएंगे। सरकार को अभी से अखाड़ों में काम शुरू करा देने चाहिए।
नेपाल के पीएम से माफी मांगने को कहें मोदी
नेपाल के प्रधानमंत्री के द्वारा भगवान राम को लेकर दिए गए बयान पर नरेंद्र गिरी ने कहा कि यह चीन ने कहलवाया है। हमें किसी के प्रमाण की जरूरत नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया गया है कि वह इस मामले में नेपाल के प्रधानमंत्री से माफी मांगने के लिए कहें।
कोरोना में रविंद्र पुरी बने देवदूत
महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि कोरोना संकट के समय श्री निरंजनी पंचायती अखाड़ा के सचिव और श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने प्रशंसनीय भूमिका निभाई है। वे जरूरतमंदों के लिए देवदूत बनकर सामने आए हैं।
जरूरत पड़ी तो नागा संन्यासी जाएंगे सीमा पर
एक सवाल के जवाब में महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि पहले जमाने में नागा संन्यासी धर्म की रक्षा के लिए फौज के रूप में युद्ध करते थे, परंतु अब वैसी स्थिति नहीं रही। अगर जरूरत पड़ी तो राष्ट्र के संकट के समय नागा संन्यासी और साधु संन्यासी देश की सीमा पर जाने के लिए तैयार हैं।