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भंडारे के लिए कार से सब्जी लेने आ रहे युवकों की कार घने कोहरे कारण रेलिंग तोड़ते हुए बम्बा में गिरी

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जालौन/उरई। रामायण के आयोजन के बाद गांव में भंडारा होना था। भंडारे के लिए कार से सब्जी लेने आ रहे युवकों की कार घने कोहरे के चलते नारायणपुरा बंबा की रेलिंग तोड़ते हुए बंबा में जा गिरी। हादसे में एक युवक की मौत हो गई। कार चालक ने तैरकर अपनी जान बचाई। वहीं, कार सवार तीसरा युवक सुबह से लापता होने के बाद शाम करीब 4 बजे उसका शव नहर से बरामद हुआ।
कोतवाली क्षेत्र के ग्राम धनौरा कलां में विवेक अवस्थी के यहां रामायण हुई थी। रामायण के आयोजन के बाद शनिवार को गांव में भंडारा होना था। घर पर रिश्तेदार भी आए हुए थे। गुरू का इटौरा निवासी आनंद कुमार अपने बहनोई के यहां आयोजित रामायण और भंडारे में कार से आया था। शनिवार की सुबह भंडारे के लिए सब्जी लाने के लिए आनंद (25) अपनी कार से जालौन आने के लिए तैयार था। उसके साथ धनौरा कलां निवासी हलवाई का काम करने वाला सुमित शर्मा (26) पुत्र विनोद शर्मा व बांके बिहारी (22) पुत्र ऋषि कुमार उर्फ नेता दूरबार भी सब्जी लाने के लिए कार में बैठ गए। सुबह घने कोहरे के बीच उनकी कार जालौन के लिए निकली। नारायणपुरा बंबा के पास तीखा मोड़ होने के चलते घने कोहरे में कार चालक बंबा व मोड़ को नहीं देख सका। जैसे ही कार बंबा के नजदीक पहुंची तो कार पुलिया की आधी टूटी पड़ी रेलिंग को और तोड़ती हुई बंबा में जा गिरी। बंबा में तेज बहाव में चल रहे पानी में कार कुछ आगे जाकर रूक गई। वहां से निकल रहे लोगों ने जब कार को बंबा में देखा तो कोतवाली पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही सीओ उमेश पांडेय, कोतवाल कुलदीप तिवारी, एसएसआई आनंद सिंह मौके पर पहुंच गए। कार में मौजूद बांके बिहारी को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे देखते ही मृत घोषित कर दिया। बता दें, बांके बिहारी अपने किसान पिता का इकलौता बेटा था। बेटे की मौत के बाद पिता ऋषि कुमार गमगीन है तो मां पिंकी देवी का रो रोकर बुरा हाल है। कार चालक आनंद कुमार तैरकर बाहर निकला जिससे उसकी जान बच गई। हादसे के बाद से सुमित शर्मा का कहीं पता नहीं चल रहा था। पुलिस ने उसकी काफी तलाश कराई लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। बंबा का पानी कम कराकर और स्थानीय गोताखोरों की मदद से शाम करीब 4 बजे सुमित शर्मा का शव भी बंबा में से बरामद हो गया। बता दें, पुलिस तीन भाइयों में बीच का था। वह गांव में खाना बनाने का काम करता था। भंडारे में उसे ही भोजन बनाना था। जिसके लिए सब्जी लेने वह जालौन जा रहा था।

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