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पशु पालन के क्षेत्र में महिला पैरा वेटेरिनरी के उत्थान के लिए अर्थ ने द गोट ट्रस्ट (टीजीटी) के साथ किया विशेष अनुबंध

• इसके तहत अर्थ देगा टीजीटी को महिला पैरा वेटेरिनरी - पशु सखियों - के प्रशिक्षण के लिए कौशल विकास निधि से जुडी वित्तीय सेवाएं 

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लखनऊ : महिलाओं द्वारा संचालित सूक्ष्म उद्योगों और हाइपर लोकल स्तर पर अर्थव्यवस्था के विकास के अपने उद्देश्य के अनुरूप, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के लिए वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी, अर्थ ने बकरी संबंधी उत्पादों के क्षेत्र में देशभर के 8 राज्यों के साथ काम करने वाले द गोट ट्रस्ट (टीजीटी) के साथ अपनी तरह की पहली साझेदारी की घोषणा की है। इस साझेदारी के तहत देशभर में 5000 पैरा वेटरनरी को डिजिटल संशाधनों के उपयोग का प्रशिक्षण दिया जाएगा और साथ ही एआई किट भी प्रदान की जाएगी, जिससे कि वो अपने समाज में सक्रियता से काम करते हुए बदलाव ला सके। इसके तहत महिलाओं को एक स्वतंत्र &https://www.youtube.com/channel/UCcj8JxdUrXPVdAxW-blFheA8220;ग्राम स्तरीय उद्यमी&https://www.youtube.com/channel/UCcj8JxdUrXPVdAxW-blFheA8221; बनाने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण, किट और व्यवसाय चलाने के लिए आवश्यक पूंजी भी प्रदान की जाएगी।
इस योजना के तहत लखनऊ की सबीना खातून पहली महिला हितग्राही बनी है जिन्हें यह ऋण राशि प्रदान की गई है और इसके सहयोग से वह जल्द ही एक पूर्ण प्रशिक्षित पैरा वेटेरिनरी भी बन जाएंगी।
अपनी साझेदारी योजना के तहत पहले चरण में 400 से ज्यादा महिला पशु सखियों  को स्मार्ट फ़ोन इस्तेमाल करने के लिए प्रशिक्षित करने में अर्थ टीजीटी की मदद करेगा और साथ ही उन्हें आवश्यक पूंजी उपलब्ध करवाएगा जो आगे जाकर उनके काम के लिए परिवहन के लिए दोपहिया वाहन खरीदने के भी काम आ सकता है। इसके तहत पहला लोन लखनऊ की पशुसखी सबीना खातून को कल जारी किया गया।
एक पशुसखी एक बकरी पालनकर्ता है, जो गांव में अपने आस-पास के बकरी किसानों की उत्थान के लिए सक्रिय रूप से ज्ञान और कौशल का प्रदर्शन करे, बेहतर प्रथाओं को लेकर जागरूकता लाए और उनका प्रसार करे। पशुसखियों को कक्षा आधारित प्रशिक्षण देने के साथ साथ फील्ड में जाकर भी ट्रेनिंग दी जाती है।
अर्थ ने अपनी हाइपर लोकल पार्टनरशिप की नीति की शुरुआत इस साल की शुरुआत में की थी जिससे कि उनके वित्तीय उत्पादों को ग्रामीण भरात के अंदरूनी हिस्सों तक पहुंचाया जा सके। 2018 में अपनी शुरुआत से ही अर्थ द्वारा रियायती दरों पर वित्तीय सेवाएं और आजीविका सहयोग, समाज के अंतिम छोर के अति-सूक्ष्म उद्यमियों को टेक्नोलॉजी और पार्टनरशिप प्लेटफार्म की मदद से प्रदान की जा रही हैं।
वहीं टीजीटी ने पिछले एक दशक से एक कई महिला किसानों और महिलाओं द्वारा संचालित जमीनी संगठनों को आत्मनिर्भर बनाने और बकरी से उत्पन्न उत्पादों से आजीविका चलाने और उसे बढ़ावा देने के लिए कई लोगों को एक स्थान पर लाया है। टीजीटी क्रॉस लर्निंग के लिए और लोगों के अनुभवों को भारत के अंदर और बाहर के लोगों तक पहुंचाने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है।
अर्थ के सहयोग के साथ टीजीटी द्वारा देशभर में बकरी पालन के व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक चयनित उद्यमी को 90,000 रूपए की पूंजी मुहैय्या करवाई जाएगी। इसमें 15,000 रूपए एआई किट के लिए निर्धारित हैं, 15,000 रूपए मोबाइल फ़ोन के लिएय या संचालन पूंजी के रूप में इस्तेमाल करने के लिए और गाडी के लिए 60,000 रूपए आवंटित हैं।
इस योजना के पहले चरण के लिए 400 पशुसखियों को चिन्हित किया जा चुका है। यह पार्टनरशिप पहले 50 महिलाओं के साथ शुरू होगी और इसके बाद 350 महिलाओं को दुसरे चरण में सहायता प्रदान की जाएगी। पूरी योजना का कुल बजट 3.6 करोड़ रूपए है। अर्थ के साथ समझौते के तहत, टीजीटी पशु सखियों की पहचान और ऑनबोर्डिंग की सुविधा के लिए हाइपर-लोकल नेटवर्क पार्टनर के रूप में कार्य करेगा, और पशुसखियों द्वारा समय पर लोन का पुनर्भुगतान सुनिश्चित करेगा जिससे पशु सखियों का क्रेडिट ब्यूरो स्कोर अच्छा बना रहे।
अपने विचार सांझा करते हुए अर्थ की फाउंडर और सीईओ सुश्री श्वेता अप्रमेय ने बताया, “हम टीजीटी के साथ साझेदारी कर उत्तर प्रदेश और दिल्ली एनसीआर में पशु सखियों को वित्तीय सेवाएं देने और उन्हें सहायता प्रदान करने के लिए बहुत उत्सुक है।  हमने यह देखा है कि पशु सखियाँ अपने समाज में, ग्राम स्तर पर और अपने परिवारों के भी उत्थान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और बकरी पालन करने वाले किसानों की आय बढाने में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। ये प्रशिक्षित और वित्त पोषित पशु सखियाँ बकरी पालन के बारे में किसानों का ज्ञान वर्धन करने के साथ-साथ उनकी आय में 20-30% की वृद्धि करने में उनकी मदद कर सकती है। हमारी यह साझेदारी अपने आप में अनोखी इसीलिए भी है क्योंकि इसका उद्देश्य यूनाइटेड नेशन द्वारा निर्धारित सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल नंबर 13 को पूरा करना है, जिसका उद्देश्य है असरकारक पर्यावरण हित में समाधान विकसित करना, जिसमें पशुपालन और पशुधन एक बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा।&https://www.youtube.com/channel/UCcj8JxdUrXPVdAxW-blFheA8221;
इसके साथ ही श्वेता ने यह भी कहा कि संजीव ने अपना पूरा जीवन बकरी पालन करने वाले किसानों के उत्थान में लगा दिया है और इसी वजह से किसान उन पर भरोसा भी करते हैं। हमें ऐसा लगता है उनके साथ काम करके हम क्लीन एवं ग्रीन क्लाइमेट एक्शन में अपना योगदान दे सकते हैं, और पशु सखियों के प्रशिक्षण में और उनके संख्या एवं गुणवत्ता बढ़ाने में अपना सहयोग दे सकते हैं। हम बकरी पालन करने वाले किसानों के लिए आत्मनिर्भरता के स्वप्न को साकार करने की दिशा में अग्रसर है, और इस हेतु अपना विनम्र सहयोग 500 से 5000 पशु सखियों की उन्नति में देना चाहते हैं।
डॉक्टर संजीव कुमार, द गोट ट्रस्ट के प्रमोटर ने बताया ,“इस विशेष साझेदारी से हम बहुत खुश हैं कि अब हम अपनी सभी पशुसखियों के प्रोफेशनल कैडर में डिजिटल सेवाएं भी पहुंचाने का काम कर रहे हैं, जिससे कि वे भारत के सुदूर इलाकों में भी अपनी सेवाएं दे सकेंगी। पशु सखी गीता को हाल ही में दो पहिया वाहन खरीदने के लिए लोन उपलब्ध कराया गया, जिससे वह न केवल बकरी पालन करने वाले किसानों को अपनी सेवाएं दे सकेगी, बल्कि खुद वित्तीय रूप से सक्षम एवं आत्मनिर्भर भी बन सकेगी।”
संजीव ने यह भी कहा कि वित्तीय सेवाओं की उपलब्धता महिला उद्यमियों को लैंगिक समानता एवं उत्थान हासिल करने में मदद करेगी। टीजीटी में हम अर्थ के साथ मिलकर जमीनी स्तर पर लैंगिक समानता लाने के हमारे संयुक्त उद्देश्य को पूरा करने, और दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद रिश्ता साझेदारी स्थापित करने के प्रति बेहद उत्साहित हैं।
द गोट ट्रस्ट के बारे में –
द गोट ट्रस्ट, बकरी संबंधी उत्पादों के क्षेत्र में 8 राज्यों के साथ काम करता है। द गोट ट्रस्ट की शुरुआत 2008 में अशोका फेलो श्री संजीव कुमार ने की थी जो कि एक पंजीकृत चैरिटेबल ट्रस्ट है, जिसका उद्देश्य है छोटे पशुधन (बकरी पालन / भेड़ / घरेलु पक्षी) आधारित आजीविका को प्रोत्साहन देने के लिए उत्पादन तकनीक बनाना, संस्थानों का निर्माण करना (अंतर्राष्ट्रीय बकरी प्रबंधन संस्थान) और उनके माध्यम से दुनिया भर में मार्केटिंग और लिंकेज को बढ़ावा देना। पशु सखियों को प्रशिक्षण देना, उनका सहयोग करना, पाशु बाज़ारों का संचालन, और किशोरों और वृद्ध लोगों के लिए बकरी के दूध को एक बेहतर पोषक उत्पाद के रूप में बढ़ावा देना &https://www.youtube.com/channel/UCcj8JxdUrXPVdAxW-blFheA8211; यह कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ टीजीटी सक्रिय है।
अर्थ के बारे में –
2018 में स्थापित हुई कंपनी अर्थ सूक्ष्म उद्योगों के लिए बनी फिनटेक कंपनी है, जिसका उद्देश्य है आसान और सस्ती वित्त्तीय सेवाएं पूरे देश में करोड़ों सूक्ष्म स्तर के उद्यमियों को उपलब्ध करवाना। महिला उद्यमियों पर केंद्रित, अर्थ अपने भौतिक एवं डिजिटल मॉडल के मिश्रण के साथ डाटा, टेक्नोलॉजी की मदद से और ग्राहकों के बेहतर संपर्क साधकर उनकी ज़रूरतों को पूरा करते हुए, सूक्ष्म उद्यमियों का वित्तीय सहायक बनना चाहता है । अपने डिजिटल और हाइपर लोकल पार्टनरशिप  मॉडल के आधार पर अर्थ अब तक 70,000 महिलाओं द्वारा संचालित सूक्ष्म उद्योगों का सहायक बन चुका है, और इसके माध्यम से 18400 स्थानों पर 3.7 लाख लोगों के जीवन में बदलाव ला चुका है जिसमें से 55% लोगों ने पहली बार लोन या क्रेडिट लिया था। अर्थ ने अपने प्रयासों से अब तक डीईजी, एमआईटी एलुमनाई और इम्पैक्ट एंजेल से अब तक 2.5 मिलियन यूएस डॉलर की फंडिंग प्राप्त की है।

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