
काहिरा: मिस्र ने ऐलान किया है कि वह 27 फरवरी को काहिरा में एक आपातकालीन अरब शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा. इस सम्मेलन में फिलिस्तीन और गाजा पट्टी से जुड़े हालिया घटनाक्रमों पर चर्चा की जाएगी. मिस्र के विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी. इस शिखर सम्मेलन का आयोजन मिस्र ने अरब देशों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद किया है. इसमें फिलिस्तीन के अलावा, अरब लीग (एएल) के वर्तमान अध्यक्ष बहरीन और अरब लीग सचिवालय के साथ मिस्र और जॉर्डन इस तरह के किसी भी सुझाव को सख्ती से खारिज कर चुके हैं. अरब देशों ने ट्रंप की इस योजना का विरोध किया है, जिसमें उन्होंने गाजा के निवासियों को हटाकर उसे “मध्य पूर्व का रिवेरा” बनाने की बात कही थी. फिलिस्तीनी नेताओं ने भी इस प्रस्ताव को पूरी तरह खारिज कर दिया हैट्रंप ने वाशिंगटन में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि अमेरिका की योजना गाजा को नियंत्रित करने और उसके निवासियों को हटाने के बाद इसे फिर से विकसित करने की है. ट्रंप इस तरह का प्रस्ताव पहले भी दे चुके हैं.
ट्रंप ने हाल ही में व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि वह इस योजना को “रियल एस्टेट डील” के रूप में देखते हैं और इसे एक बड़ा निवेश मानते हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वह इस पर जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेंगे. इसके अलावा, इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने सुझाव दिया था कि सऊदी अरब के पास फिलिस्तीनी राज्य के लिए पर्याप्त भूमि है
उन्होंने सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), कुवैत, ओमान, बहरीन, जॉर्डन, इराक, अल्जीरिया, ट्यूनीशिया, मॉरिटानिया और सूडान के विदेश मंत्रियों से बातचीत की है. राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी के निर्देश पर, मिस्र इस मुद्दे पर क्षेत्रीय स्तर पर ठोस कदम उठा रहा है. शिखर सम्मेलन का उद्देश्य गाजा पट्टी में हो रहे घटनाक्रमों पर विचार करना और फिलिस्तीनी जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए संयुक्त रणनीति बनाना है.