लखनऊ : शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़े हैं। पिछले चार वर्षों से सरकार से ग्रांट नहीं मिलने के कारण बोर्ड को अपना खर्च चलाना भी मुश्किल हो रहा है। प्रदेश भर की करीब 8 हजार संपत्तियां बोर्ड में दर्ज हैं। इनसे होने वाली आय का कुछ हिस्सा बोर्ड को मुतालबे के तौर पर मिलता है। इसमें से कर्मचारियों का वेतन और विभागीय खर्च निकलता है।
कर्मचारियों को वेतन समय से मिले और अन्य खर्च में कोई समस्या न हो, इसके लिए बीच-बीच शासन की ओर से ग्रांट दी जाती है, लेकिन पिछले चार साल से ग्रांट नहीं मिलने के कारण कर्मचारियों का वेतन बकाया हो गया। बोर्ड के कर्मचारी मुंतजिर मेंहदी ने बताया शासन को कई बार पत्र भेजे गए, पर अभी तक ग्रांट जारी नहीं हुई। मुंतजिर मेंहदी ने बताया कि बोर्ड में 15 कर्मचारी हैं। इनका वेतन और अन्य खर्च सालाना करीब एक करोड़ है जबकि आय 33 लाख रुपये है। ग्रांट नहीं मिलने से कर्मचारियों के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है।