बछरावां/रायबरेली । सरकार किसानों की आय दोगुनी करने का प्रयास कर रही है जिससे उनके भी आर्थिक स्तर में सुधार हो सके लेकिन सरकारी मशीनरी के चक्कर में किसान पिस रहा है धान खरीद केंद्रों पर धान बेचने के बाद भी समर्थन मूल्य के लिए खरीद केंद्र व बैंक में केवल पैसे की जानकारी ही कर पा रहे हैं। समय पर उनको पैसा नहीं प्राप्त हो रहा है।
एक तरफ योगी सरकार किसानों को उनके धान का समर्थन मूल्य 72 घंटे में दिलवाने का दावा करती हैं वहीं दूसरी तरफ लगभग धान बेचने के 15 दिन बीतने के बाद भी बछरावां क्षेत्र के किसानों को उनकी धान खरीद का पैसा नहीं मिल पा रहा है।
किसान अपने पैसे की बाट जोह रहे हैं कि कब पैसा मिलेगा और कब वह अपने आगे के कार्य संपादित कर पाएंगे। ऑनलाइन पेमेंट होना है धान खरीद केंद्र प्रभारी भी यह नहीं बता पा रहे हैं कि कब पैसा मिलेगा। किसान की समझ में नहीं आ रहा है कि वह करें तो क्या करें।
पहले दौड़-धूप कर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया रजिस्ट्रेशन कराने के बाद जब सत्यापित हुआ तो धान खरीद केंद्र पर टोकन लिया एक महीना टोकन का समय मिला।
समय मिलने पर जब धान बेच दिया है तो अब अपने धान के समर्थन मूल्य के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है कोई भी किसान को सही बात नहीं बता रहा है केवल किसान बैंक और खरीद केंद्र का ही चक्कर काट रहा है।