राजनीतिक प्रस्थान के लिए डा0 फरीदी के नक्शेकदम पर चलें
उनकी 110 वीं जयंती के अवसर पर कैसर बाग में गोष्ठी का आयोजन किया गया
लखनऊ। बानी ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस काइदे मिल्लत डाक्टर अबदुल जलील फरीदी साहिब के यौम पैदाईश के मौके पर दफ्तर मुस्लिम मजलिस तकिया पैर जलील कैसरबाग लखनऊ में पार्टी के कौमी कारगुजार सदर वसी अहमद ऐडवोकेट की सदारत में एक सेमिनार का इनइक़ाद किया गया। सेमिनार में फरीदी साहिब की मिल्ली ,तिब्बी और सियासी खिदमात पर रोशनी डालते हुए शुरका इजलास ने कहा कि फरीदी साहिब एक मशहूर डाक्टर होने के साथ ही कद्दावर मिली-व-सियासी लीडर थे।
इन्होंने मुस्लिम, दलित और दीगर मजलूम तबकों के अंदर सियासी बेदारी पैदा करने के लिए जो तारीख साज़ कारनामा अंजाम दिया है उसी का नतीजा है कि इकतिदार पर काबिज लोग जिन्हें इन्सान नहीं समझते थे उन्हें मुल्क में हुकूमत में हिस्सादारी मिली बल्कि हुकूमत साज़ी का मौका मिला फरीदी साहिब की ही देन है जो मुल्क में इत्तिहादी सियासत का दौर चल रहा है मुल्क में पहली मर्तबा 1974 मैं यू पी के असैंबली इलैक्शन में मुस्लिम मजलिस बी0के0डी0 और सोशलिस्ट पार्टी का इत्तिहाद ‘सलासा मोरचा’ बनाया था इस इंतिखाब में अगर इंदिरागांधी की ईमा पर मुस्लिम लीग ऐक्शन में हिस्सा ना लेती तो कांग्रेस किसी कीमत में हुकूमत साज़ी नहीं कर पाती और आज मुस्लिम सियासत और मुस्लमानों की ये हालत ना होती
इजलास में इत्तिफाक राय से तय हुआ कि आज की सूरत-ए-हाल में मुस्लमानों के साथ हो रहे जुल्म, ना इंसाफी पर तमाम सियासी पार्टियों की खामोशी से ये साफ हो चुका है बगैर अपनी सियासी ताक़त के ना तो मसाएल का हल हो सकेंगे और ना ही जुल्म ज़्यादती, नाइंसाफी रुकने वाली है इसलिए हमें फरीदी साहिब के फार्मूला पर अमल करके सियासी ताकत हासिल करना होगा।
इजलास में मैं गुजरात के इंतिखाबी नताएज को हुकूमत की तानाशाही पर मबनी बताते हुए ई0वी0ऐम को चमत्कार बताया गया। सेमिनार की निज़ामत पार्टी के सदर मुहम्मद नदीम सिद्दीकी ऐडवोकेट ने किया। इजलास में सय्यद तौफीक अली जाफरी साहिब सदर पारलीमानी बोर्ड, वसी अहमद ऐडवोकेट कौमी कारगुजार, सदर इरफान खान कादरी जनरल सेक्रेटरी, डाक्टर अफ्सर, शुऐब हबीब, मुहसिन खान ऐडवोकेट, शुऐब खान ऐडवोकेट हाफिज महमूद उल-हक सय्यद सुबूर, जमील अहमद, नवेद खान, मुहम्मद नौशाद वगैरा ने शिरकत की।