कानपुर : उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से गंगा नदी में जलस्तर तेजी से बढ़ने की संभावना को लेकर तटवर्ती क्षेत्रों में अलर्ट कर दिया गया। लेकिन,बीते दो दिन में कानपुर के हालात पर नजर डालें तो गंगा नदी में जलस्तर बढ़ने की बजाए और कम हुआ है। सिंचाई विभाग और जिला प्रशासन की ओर से हर पल गंगा पर नजर रखी जा रही है। दो दिन के आंकड़ों में गंगा का जलस्तर 35 सेमी गिरा है और खतरे के निशान से 4.5 मीटर दूर है।
उत्तराखंड के चमौली में हादसे के बाद जारी अलर्ट के तहत सिंचाई विभाग और जिला प्रशासन गंगा नदी पर हर पल नजर रख रहा है। रविवार को गंगा का जलस्तर अपस्ट्रीम में 113 मीटर था। यह सोमवार को 112.95 मीटर पहुंचने के बाद मंगलवार को और कम हो गया है। मौजूदा समय में 112.65 मीटर पर गंगा नदी का बहाव है। इस तरह दो दिन में 35 सेमी गंगा का जलस्तर गिर गया है। वहीं नरोरा बांध से रोज 4042 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।अभी तक यह माना जा रहा है कि हरिद्वार से एक लाख क्यूसेक पानी आएगा। आठ दिन का अनुमान लगाया जा रहा है। इसमें दो दिन गुजर गए हैं।
बताया जा रहा है कि,वर्ष 2010 में गंगा में सबसे ज्यादा जल 6ण्52 लाख क्यूसेक आया था। तब शहर में बाढ़ आ गई थी कटरी का इलाका कुछ हिस्सा डूब गया था। इसके बाद से इतना पानी नहीं आया है। पिछले साल बारिश के समय दो लाख क्यूसेक जल आ चुका है। शहर में बाढ़ नहीं आई थी। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता जेपी सिंह ने बताया कि एक लाख क्यूसेक पानी की आने की संभावना है। इस पानी को आने में आठ दिन लगेगा। हर वक्त गंगा पर नजर रखी जा रही है।