प्रयागराज: नैनी कोतवाली क्षेत्र के अरैल स्थित त्रिवेणी पुष्प परिषर में गेट पकड़कर झूला झूल रहे मासूम पर जर्जर गेट गिर गया। सूचना पर पहुंचे परिजनों ने गेट में दबे खून से लतपथ मासूम को कई नजदीकी हॉस्पिटल ले गए, जहां चिकित्सको ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मासूम की मौत की सूचना पर उसके घर में मातम छा गया। नैनी के अरैल निषाद बस्ती में रहने वाला आदिल निषाद 11 वर्ष पुत्र स्व. रविशंकर उर्फ रसगुल्ला अपने बड़े भाई वंश व मोहल्ले के अन्य बच्चों के साथ पतंग लूटने के लिए घर से त्रिवेणी पुष्प की ओर गया था। पतंग लूटने के बाद आदिल, वंश और मोहल्ले के अन्य बच्चों ,सभी की उम्र 8 से 11 वर्ष के बीच, के साथ त्रिवेणी पुष्प परिषर में बनाए गए चाराें धामों के प्रारूप में से एक मंदिर में लगे भारी भरकम लोहे के गेट को पकड़ कर उससे झूला झूलने लगा।
गेट की कुंडी जर्जर होने की वजह से गेट कुंडे से निकल कर नीचे गिर गया।जिसमें आदिल दब गया। उसके साथ खेल रहे बच्चे डर कर भाग गए। आदिल के भाई वंश ने घर जाकर घटना की जानकारी परिजनो को दी। सभी मौके पर पहुंचे, लेेकिन तबतक लगभग एक कुंतल से अधिक भारी गेट में आधे घंटे तक दबे रहने के कारण आदिल के सिर की हड्डी टूट गई और उसके शरीर से काफी खून बह चुका था। आदिल के चाचा गौतम निषाद उसे नजदीकी अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। आदिल प्राथमिक विद्यालय अरैल में कक्षा पांच में पढ़ाई करता था। वह वंश और बहन आराधना से छोटा था। उसके शव को देर शाम दफना दिया गया।