
उत्तर प्रदेश जीआईज़ैड इंडिया का प्रोजेक्ट हर एण्ड नाउ 2018 से भारत में महिला-उन्मुख कारोबारों के लिए अनुकूल वातावरण के निर्माण की दिशा में काम कर रहा है। अपने मीडिया कैंपेन के तहत हर एण्ड नाउ ने सीएमएस वटावरन के सहयोग से अगस्त-सितम्बर 22 के दौरान उत्तर प्रदेश के 13 विभिन्न शहरों में महिला उद्यमिता पर आधारित शॉर्ट फिल्मों की स्क्रीनिंग की। इन फिल्मों की स्क्रीनिंग मुख्य रूप से अलीगढ़, ग्रेटर नोएडा, सहारनपुर, मुरादाबाद, मेरठ, गाज़ियाबाद, झांसी, कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर और गौतम बुद्ध नगर में कॉलेज छात्रों के लिए की गई।
मनोरंजक फिल्मों के माध्यम से दर्शकों का ध्यान आकर्षित कर अर्थव्यवस्था एवं समाज में महिलाओं की भूमिका पर खुली वार्ता को बढ़ावा देना इन फिल्मों का मुख्य उद्देश्य है। फिल्मों के बाद हुई चर्चा में दर्शकों को प्रोत्साहित किया गया कि वे लिंग अवधारणाओं एवं उद्यमिता से जुड़ी अवधारणाओं पर अपने विचार प्रस्तुत करें और इस विषय पर खुल कर चर्चा करें। इन फिल्मों के माध्यम से महिलाओं को अपने करियर में उद्यमिता को अपनाने तथा परिवारजनों एवं समुदायों को उनकी महत्वाकांक्षाओं में सहयोग प्रदान करने के लिए प्रेरित किया गया। फिल्म की स्क्रीनिंग एवं लोगों की सोच में बदलाव लाने में इनके योगदान के बारे में बात करते हुए सब्यसाची भारती, डिप्टी डायरेक्टर, सीएमएस वातावरण, ने कहा, ‘‘हमें खुशी है कि भारत में महिला उद्यमिता के बारे में लोगों की सोच में बदलाव लाने के लिए हमें प्रोजेक्ट हर एण्ड नाउ को सहयोग प्रदान करने का अवसर मिला है। यह देखकर अच्छा लगा कि युवा पुरूषों ने उत्साह के साथ स्क्रीनिंग में हिस्सा लिया और इस विषय पर खुल कर चर्चा भी की।’’स्क्रीनिंग में उत्तर प्रदेश के तेरह विभिन्न शहरों से 600 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। जिनमें कॉलेज छात्रों से लेकर प्रोफेसर, महिला स्वयं सहायता समूहों के प्रतिनिधि, महिला उद्यमी, रीसर्च स्कॉलर एवं कानूनी विशेषज्ञ शामिल थे।