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नर्सिंग होम में लगातार गोरख धन्धा जारी, एसीएमओ के आदेशों को धता बता नर्सिंग होम में मरीजों का हो रहा उपचार

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अवैध नर्सिंगहोम व क्लीनिक को सील करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा स्वास्थ्य व पुलिस विभाग
अवधेश कुमार, विशेष संवाददाता

फतेहपुर चैरासी,उन्नाव : गर्भपात के काले धंधे व फर्जी कागजातों पर फतेहपुर चैरासी के मोतीनगर स्थित दीपिका नर्सिंगहोम व एक अन्य हॉस्पिटल संचालित थे। जिसकी भनक लगने के बाद रविवार को एसीएमओ ने पंहुचकर जाँच की जिसमें फर्जी नर्सिंगहोम का खुलासा करने के साथ ही एफआईआर दर्ज कराई थी। लेकिन आज दो दिन बीतने के बाद भी नर्सिंगहोम लोगों को लगातार मौत बांट रहे हैं। एसीएमओ द्वारा एफआईआर कराना महज एक दिखावा साबित हो गया और गर्भपात जैसे आपराधिक कार्यों से कमाई गई धनराशि विभागीय अधिकारियों तक पहुँचने के बाद अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गयी रविवार को स्थानीय क्षेत्र फतेहपुर चैरासी में अवैध तरीके से संचालित दो निजी अस्पतालों के खिलाफ एसीएमओ ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

 

एसीएमओ तन्मय कक्कड़ ने रविवार को फतेहपुर चैरासी क्षेत्र में निजी अस्पतालों का निरीक्षण किया था जिसमें उन्हें तकिया चैराहा स्थित यूनिक पाली क्लीनिक तथा कस्बा फतेहपुर चैरासी के मोहल्ला मोतीनगर में संचालित दीपिका नर्सिंग होम अवैध(फर्जी) पाए गए थे। एसीएमओ ने थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। लेकिन एफआईआर महज दिखावा साबित हुई और आज दूसरे दिन भी क्लीनिक व नर्सिंगहोम धड़ल्ले से संचालित रहे।

जांच में दोषी लेकिन दूसरे दिन भी संचालित अवैध नर्सिंगहोम व क्लीनिक

रविवार की एसीएमओ तन्मय कक्कड़ द्वारा की गई जांच में नर्सिंगहोम और क्लीनिक अपना रजिस्ट्रेशन समेत अन्य कागजात नहीं दिखा सके थे। जिसके बाद एसीएमओ ने अवैध मानते हुए एफआईआर दर्ज कराई गई थी। जिसमें थाना प्रभारी राघवन कुमार सिंह ने अग्रिम कार्यवाही करने की बात कही थी। लेकिन अग्रिम कार्यवाही अब तक समझ से परे है। नर्सिंगहोम आज दूसरे दिन भी मरीजो को मौत बांटते नजर आए।

पिछले महीने अविवाहित का हुआ था गर्भपात

स्थानीय जानकारी बताते हैं कि पिछले महीने इसी नर्सिंगहोम ने क्षेत्र की एक अविवाहिता का गर्भपात किया था जो क्षेत्र में चर्चा का विषय रहा था। जब नर्सिंगहोम संचालक से इस बाबत जानकारी करने की कोशिश की गई थी। तो संचालक ने इस बात से पल्ला झाड़ लिया था। लड़की बालिग हो या नाबालिग, सात माह के गर्भ का गर्भपात कानूनन अपराध है। एक अविवाहित के गर्भपात का यह खुलासा साबित कर रहा है कि कथित नर्सिंग होम में यह काम धड़ल्ले से चल रहा है। पैसा कमाने के चक्कर में ऐसे नर्सिंग होम संचालक और डॉक्टर बच्चे के साथ जच्चा की जान भी खतरे में डाल रहे हैं।

स्थानीय प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की कार्यवाही संदिग्ध

फर्जी तरीके से संचालित अवैध नर्सिंगहोम व क्लीनिक के खिलाफ एसीएमओ द्वारा तहरीर दिए जाने के बाद भी अभी तक कार्यवाही न किए जाने के पीछे कई सवाल खड़े हो रहे हैं। कि क्या स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की आड़ में ये नर्सिंगहोम व क्लीनिक संचालित थे।

स्वास्थ्य विभाग व पुलिस की दुविधा के बीच कार्यवाही

नर्सिंगहोम व क्लीनिक के लगातार संचालित होने की बात जब एसीएमओ तन्मय कक्कड़ को बताई गई तो उन्होंने बताया कि सील करने की कार्यवाही करना पुलिस का काम है। दूसरी ओर जब थाना प्रभारी राघवन कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सील कराना स्वास्थ्य विभाग का काम है।

क्या बोले एसीएमओ

मंगलवार को जब एसीएमओ तन्मय कक्कड़ से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अवैध क्लीनिक व नर्सिंगहोम को तत्काल बन्द(सील) कराने के लिए स्थानीय थाने में तहरीर दी गई थी मैं जानकारी करूँगा कि अभी तक उन्हें क्यों नहीं सील कराया गया।

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