ऑक्सीजन सिलिंडर के लिए उद्यमी के घर देर रात जा धमके एसओ
गोरखपुर : में ऑक्सीजन गैस सिलिंडर के लिए एसओ राजघाट मोदी केमिकल्स के निदेशक प्रवीण मोदी के घर आधी रात पहुंच गए। उद्यमी ने सिलिंडर की अनुपलब्धता बताई तो एसओ राजघाट नाराज हो गए। उद्यमी का आरोप है कि इस दौरान एसओ ने धमकाया और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। इसकी जानकारी रात में ही जिलाधिकारी के विजयेंद्र पांडियन को दी गई। जिलाधिकारी के हस्तक्षेप के बाद एसओ वापस लौटे। यह वाकया उद्यमी के घर लगे सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हुआ है। इस मामले में चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज ने डीएम को ज्ञापन देकर एसओ राजघाट को निलंबित करने की मांग की है। चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष विष्णु अजीतसरिया की ओर से डीएम को दिए गए ज्ञापन में कहा गया कि प्रवीण मोदी पिछले वर्ष शुरू हुए कोरोना संक्रमण काल से अब तक लगातार गोरखपुर एवं आसपास के इलाकों में ऑक्सीजन गैस की सप्लाई कर रहे हैं। इससे कोरोना संक्रमित मरीजों की जान बच रही है।
सोमवार रात करीब 11.55 बजे एसओ राजघाट अपने सहयोगी पुलिसकर्मियों के साथ उद्यमी के घर में घुस गए और अभद्र शब्दों का इस्तेमाल करते हुए ऑक्सीजन गैस की मांग करने लगे। इस घटना से चेंबर के सभी सदस्य आक्रोशित हैं और राजघाट एसओ को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की मांग करते हैं। चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज की ओर से ज्ञापन की प्रति कमिश्नर, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और गीडा सीईओ को भी दी गई है।
मोदी केमिकल्स के निदेशक प्रवीण मोदी ने कहा कि एसओ राजघाट रात करीब 11.55 बजे उनके अपने सहयोगी पुलिसकर्मियों के साथ आए थे। गेट खुलवाया और घर में घुस गए। वह ऑक्सीजन गैस सिलिंडर की मांग करने लगे। इस दौरान उन्होंने न सिर्फ धमकाया, बल्कि अभद्र भाषा का इस्तेमाल भी किया। रात में ही डीएम को फोन किया। डीएम के हस्तक्षेप के बाद एसओ राजघाट अपने सहकर्मियों के साथ बाहर गए। डीएम और एसएसपी ने व्यक्तिगत तौर पर मिलकर घटना पर खेद जताया है। साथ ही आवास और फैक्टरी पर सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। आश्वस्त किया है कि घटना की पुनरावृत्ति नहीं होगी। राजघाट एसओ अरुण पंवार ने कहा कि एक व्यक्ति की शिकायत आई थी कि पर्ची काटने के बावजूद ऑक्सीजन गैस सिलिंडर नहीं दिया जा रहा था। इसी संबंध में जानकारी लेने गया था। उद्यमी ने डीएम से बात कराई। डीएम के आदेशानुसार वहां से लौट आया। मेरा कुछ भी व्यक्तिगत नहीं था और न ही किसी अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया।
कोविड मरीजों के लिए 1500 से ज्यादा बेड तैयार संक्रमितों को मिला डिग्निटी किट
गोरखपुर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग कोरोना की वर्तमान परिस्थिति से निपटने में जुट गया है। जिले में अब तक 1500 से ज्यादा बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित हो चुके हैं। ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता है, लेकिन इसके बैकअप को और मजबूत किया जा रहा है। जिले की तीन इकाइयों में प्रतिदिन 2600 सिलिंडर ऑक्सीजन तैयार हो रहे हैं। जिला प्रशासन एक बंद यूनिट को भी क्रियाशील कर रहा है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 500 बेड और टीबी हास्पिटल में 100 बेड की क्षमता है, जहां मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। इसके अलावा प्राइवेट अस्पतालों में भी मरीजों को भर्ती करने का इंतजाम किया जा रहा है। इसके अलावा 100 बेड टीबी अस्पताल में भर्ती मरीजों को डिग्निटी किट भी उपलब्ध कराया गया है।
इन 31 निजी अस्पतालों को मिली अनुमति
अस्पताल बेड
पैनेशिया सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल 96
फातिमा हॉस्पिटल 54
उदय मेडिकल सेंटर 19
आरके इमरजेंसी मेडिकल सेंटर 12
आर्यन हॉस्पिटल 25
दुर्गावती हॉस्पिटल 40
गर्ग हॉस्पिटल 40
प्राइड हॉस्पिटल 30
गोरखपुर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर 17
बॉम्बे हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर 30
मल्ल मैटरनिटी सेंटर 20
मेडीहब हॉस्पिटल 30
डिग्निटी हॉस्पिटल 45
पीसी हॉस्पिटल 20
न्यू जीवन हॉस्पिटल 20
आरुही हॉस्पिटल 28
कृष्णा हॉस्पिटल सुपर स्पेशिलिटी एंड ट्रामा सेंटर 14
आस्था मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल 35
मानसी द मेडिसिटी 20
शाही ग्लोबल हॉस्पिटल 100
विंध्यवासिनी केअर सेंटर 16
स्टार हॉस्पिटल 10
डीसेंट हॉस्पिटल 40
हिन्द हॉस्पिटल 10
जीवनदीप हॉस्पिटल 15
मेडीहब हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर 20
जीवन संगिनी हॉस्पिटल 10
राणा हॉस्पिटल 20
दिव्यमान हॉस्पिटल 20
टाइमनियर हॉस्पिटल 30
पूर्वांचल मेट्रोसिटी हॉस्पिटल 30
गोरखपुर में आज घटे पेट्रोल-डीजल के दाम
गोरखपुर : उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में लगातार कई दिनों से डीजल और पेट्रोल की बढ़ रही कीमतों के बीच आज थोड़ी राहत मिली है। आज डीजल और पेट्रोल की कीमतों में मामूली कमी आई है। गोरखपुर शहर में बुधवार को यानी आज पेट्रोल 88.73 और डीजल 81.14 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। इससे वाहन चालकों को खासकर लंबी दूरी तय करने वाले लोगों को काफी राहत मिली है। बता दें कि मंगलवार की तुलना में आज पेट्रोल के दाम में 0.22 पैसे की कमी हुई है। वहीं डीजल के 0.25 पैसे घटे हैं।
फोर्ब्स की युवा वैज्ञानिकों में गोरखपुर की बेटी श्रीति पांडेय का नाम, एशिया की टॉप 30 वैज्ञानिकों में हुईं शामिल
गोरखपुर : मशहूर अमेरिकी बिजनेस पत्रिका फोर्ब्स ने शहर की युवा वैज्ञानिक श्रीति पांडेय को एशिया के सर्वश्रेष्ठ युवा वैज्ञानिकों में शामिल किया है। पत्रिका के प्रबंधन ने यह जानकारी श्रीति को ई-मेल के जरिए दी है। श्रीति ने इस उपलब्धि से शहर का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया है। फोर्ब्स की इस सूची में 30 या उससे कम उम्र के उन युवा वैज्ञानिकों को शामिल किया गया है जिन्होंने उद्योग, विनिर्माण या ऊर्जा के क्षेत्र में कोई ऐसा शोध किया है जो समाज और उद्योग जगत के लिए उपयोगी साबित हो रहा हो। श्रीति को यह उपलब्धि उनके उस शोध के लिए मिली है जिसमें उन्होंने गेहूं के डंठल व भूसे के बने पैनल से कम लागत में टिकाऊ मकान तैयार कर दुनिया को चकित किया है।
श्रीति ने सबसे पहला प्रयोग एमजी इंटर कॉलेज में किया। इसके बाद मध्य प्रदेश में कई भवन बनाए और पिछले साल बिहार में एक अस्पताल में बहुत ही कम समय में कोविड अस्पताल भी तैयार किया था। इसके लिए उन्हें संयुक्त राष्ट्र संघ की सराहना भी हासिल हो चुकी है। संघ ने इस प्रयोग के लिए उन्हें 2019 में सम्मानित भी किया था एशिया-30 में नाम शामिल होने से उत्साहित श्रीति ने बताया कि उनके इस प्रोजेक्ट को प्रदेश सरकार ने स्टार्टअप में शामिल कर लिया है। प्रयोग को व्यवसाय के धरातल पर उतारकर लोगों तक पहुंचाने के लिए कंपनी स्थापित कर ली गई है। गोरखपुर के आसपास इसका उद्योग लगाया जाएगा जिससे पूर्वांचल के लोगों को इसका सर्वाधिक लाभ मिल सके।
श्रीति के पिता महात्मा गांधी इंटर कॉलेज के प्रबंधक मंकेश्वर पांडेय ने बेटी की उपलब्धि पर खुशी जताते हुए बताया कि प्रयोग आधारित उद्योग स्थापित करने के लिए जमीन चिह्नित कर ली गई है। सरकारी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद यह कार्य शुरू कर दिया जाएगा। श्रीति ने गेहूं के डंठल, धान के पुआल और भूसे से कंप्रेस्ड एग्री फाइबर पैनल बनाया है। इस पैनल से मकान तैयार करने पर लागत काफी कम आती है। साथ ही यह काफी टिकाऊ होते हैं। इसके इस्तेमाल से पर्यावरण भी अनुकूल रहता है और भवन भी काफी ठंडा रहता है। डंठल और पुआल का निस्तारण न हो पाने की स्थिति में किसान उसे जला देते हैं। इससे भूमि की उर्वरा शक्ति तो प्रभावित होती ही है, पर्यावरण भी दूषित होता है।