
पहलगाम के नायक: आदिल और नजाकत अली, मानवता को बचाने वाले।दिखाया अदम्य साहस।
पहलगाम: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले ने 25 टूरिस्ट के साथ मारे गए स्थानीय गाइड और ‘टट्टूवाले’ आदिल हुसैन शाह की जांबाजी पर हर किसी काे फख्र है। बुधवार को जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला आदिल शाह को विदाई देने के लिए खुद मौके पर पहुंचे। इस मौके पर अब्दुल्ला को परिवार को सांत्वना देते वक्त भावुक दिखे। आदिल हुसैन के पिता सीएम से लिपटकर रो पड़े। आतंकियों ने जब पहलगाम की बैसरन वैली में हमला बोला था तो आदिल शाह ने टूरिस्ट को बचाने के लिए एक आतंकी से भिड़ गए थे। इस दौरान आतंकी ने आदिल शाह को भी गोली मार दी थी। 28 साल के आदिल शाह की मौत पर परिवार में गहरा दुख है। आदिल शाह ने अपनी मां से वादा किया था कि वह जल्द नए घर में ले जाएगा। शाह के छोटे भाई सैयद नौशाद शाह, जो बैसरन में हमले के समय पहलगाम में थे, ने कहा कि जब मैंने हमले के बारे में सुना तो मैंने अपने भाई को फोन करना शुरू किया। किसी ने जवाब नहीं दिया। शाम 5 बजे स्थानीय टट्टू वालों ने मुझे उसकी मौत के बारे में बताया।आदिल के साथ आई एक महिला पर्यटक ने मुझे बताया कि जब मेरे भाई ने पर्यटकों को मरते देखा, तो उसने आतंकवादियों से मुकाबला किया और आतंकवादियों ने उसे तीन बार गोली मारी। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हम न केवल अपने भाई की मौत से बल्कि 25 निर्दोष पर्यटकों की मौत से भी दुखी हैं। जब बुधवार को आदिल का शव हापतनार गांव पहुंचा तो लोगों का हुजूम उमड़ा पड़ा। आदिल के परिवार में पत्नी, माता-पिता, दो भाई और तीन बहनें हैं। आदिल के पिता सैयद हैदर शाह (60) ने कहा कि वह घर का अकेला कमाने वाला सदस्य था। वह टट्टू वाले के तौर पर काम करने के लिए 30 किलोमीटर दूर बैसरन जाता था। वह हर दिन 600 से 1000 रुपये कमा लेता था।