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हिजबुल्लाह ने इजराइल पर किया दिल दहला देने वाला हमला,

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HIZBULLAH: इजरायली मिलिट्री बेस पर रविवार को हिजबुल्लाह के ड्रोन हमले ने दिखा दिया है कि इजरायल एक खतरनाक दुश्मन से लड़ रहा है। इसके साथ ही यह आधुनिक युद्ध में ड्रोन के बढ़ते खतरे को भी दिखाता है।

हिजबुल्लाह के ड्रोन हमले में अब तक 4 जवानों की मौत की पुष्टि हुई है। आईडीएफ ने बताया है कि 7 जवान गंभीर रूप से घायल हैं, जबकि 14 को मध्यम चोटें आई हैं। इजरायली मीडिया में 67 लोगों के घायल होने की जानकारी आई है।


हिजबुल्लाह के ड्रोन हमले की खास बात ये रही है कि इजरायली हवाई रक्षा तंत्र इसे रोकने में नाकाम रहा। समुद्र के रास्ते से घुसे ड्रोन ने मध्य इजरायल में मौजूद मिलिट्री बेस को निशाना बनाया। इस दौरान इजरायल के रडार में नजर आने के बाद इजरायली वायु सेना के विमानों ने इसका पीछा भी किया, लेकिन गिराने में नाकाम रहे और यह रडार से गायब हो गया। मिलिट्री बेस पर हमले के पहले चेतावनी देने वाले सायरन भी नहीं बजे। इस हमले के साथ ही हिजबुल्लाह ने अपनी ताकत भी दिखा दी है।


अल्मा सेंटर के अनुसार, यह ड्रोन 40 किलोग्राम तक विस्फोटक ले जा सकता हैइसकी अधिकतम गति 370 किमी प्रति घंटा है और यह 120 किलोमीटर तक हमला करने की रेंज है। यह 3000 मीटर की ऊंचाई तक उड़ सकता है। हिजबुल्लाह ने 2002 से मिरसाद-1 का उपयोग टोही और आक्रामक हमलों के लिए किया है। अक्सर इसका उपयोग इजरायली हवाई क्षेत्र में घुसने के लिए किया जाता है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि इस हमले के लिए हिजबुल्लाह ने मिरसाद-1 ड्रोन का इस्तेमाल किया था।

यह एक आत्मघाती ड्रोन है, जिसे हिजबुल्लाह ने दो दशकों से अधिक समय से तैनात किया है। अल्मा रिसर्च सेंटर के विशेषज्ञों के अनुसार, मिरसाद-1 को ईरान के मोहजर-2 मॉडल के डिजाइन पर बनाया गया है। इसमें हिजबुल्लाह के लिए थोड़े संशोधन किए गए हैं मिरसाद-1 हिजबुल्लाह के ड्रोन बेड़े में शामिल कई ड्रोन में से एक है। हिजबुल्लाह ने अपनी मौजूदा मिसाइल और रॉकेट क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अपने शस्त्रागार में ड्रोन को तेजी से शामिल किया है। समूह के पास कई तरह के ड्रोन हैं, जिनमें कई या तो ईरान में बने हैं या उसके मॉडल पर डिजाइन हैं। अल्मा रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट बताती है कि हिजबुल्लाह के पास 2000 से अधिक ड्रोन हैं। समूह के पास मोहजर-4 और शाहिद ड्रोन जैसे एडवांस मॉडल भी हैं।

इन ड्रोन का इस्तेमाल निगरानी, खुफिया जानकारी जुटाने और आत्मघाती मिशनों समेत विभिन्न उद्येश्यों के लिए किया जाता है

 

 

 

 

 

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