
NEW DELHI: राजधानी में होने वाले विधानसभा चुनाव (Delhi Election) से ठीक पहले अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) को तगड़ा झटका लगा है. दिल्ली हाईकोर्ट ने सीएम हाउस में रिनोवशेन पर खर्च को लेकर लीक मीडिया रिपोर्ट पर दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी को जमकर घेरा. दिल्ली सरकार की यह जिम्मेदारी थी कि इस रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किया जाता, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार ने ऐसा नहीं किया. यही वजह है कि हाईकोर्ट ने सरकार के इस रवैये पर नाराजगी जाहिर की. सीएजी रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास के रिनोवेशन पर 33.66 करोड़ रुपये खर्च किए थे. लागत से 342 प्रतिशत ज्यादा रकम इस काम के लिए खर्च की गई. रिपोर्ट में कहा गया कि अरविंद केजरीवाल के घर के रिनोवेशन का काम 8.62 करोड़ रुपये की निविदा पर किया जाना था. इसकी अनुमानित लागत 7.61 करोड़ तय की गई थी. शुरुआत में ही यह 13.21 प्रतिशत ज्यादा थी. जब अरविंद केजरीवाल के घर का काम खत्म हुआ तो यह अनुमानित लागत से 342.31 प्रतिशत ज्यादा था.
आप जिस तरह से टालमटोल कर रहे हैं, वह दुर्भाग्यपूर्ण है. आपको CAG रिपोर्ट को विधानसभा स्पीकर के पास भेजने और विधानसभा में चर्चा करने में तत्पर होना चाहिए था. हालांकि कोर्ट की तरफ से विजेंद्र गुप्ता सहित भाजपा विधायकों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के लिए 2:30 बजे का समय तय किया गया है. बीजेपी ने यह मांग की थी कि दिल्ली विधानसभा के स्पीकर को सदन का विशेष सत्र बुलाने के लिए कहा जाए ताकि सीएजी रिपोर्ट को पेश किया जा सके. हाईकोर्ट ने कहा कि हम ऐसे चरण में हैं कि चुनाव नजदीक हैं. अब विशेष सत्र कैसे हो सकता है?