
लखनऊ:। शहर के कई इलाकों में बंदरों का आतंक है। बंदरों के झुंड निकलते हैं तो मोहल्लों में सन्नाटा पसर जाता है। लोग घरों के दरवाजे बंद कर लेते हैं। छतों पर धूप सेंक रहीं महिलाएं, बच्चे नीचे भाग आते हैं। अमीनाबाद क्षेत्र के कच्चा हाता निवासी नज़र मेंहदी भी बंदरों के झुंड के आतंक से बहुत परेशान है। इस इलाके के लोग सहमे हुए हैं। कई परिवारों ने खुद को घरों में कैद कर लिया है। छतों और बालकनी पर जाना छोड़ दिया है। जाल लगाकर छत और बालकनी बंद करा दी है। बाबूगंज ही नहीं चिनहट, आशियाना, तेलीबाग में बंदरों का आतंक है। छह माह में इन इलाकों में 100 से अधिक लोगों पर बंदर हमले कर चुके हैं। इसके इतर कोई भी सरकारी विभाग जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। 2022 के एक आदेश का हवाला देकर वन अफसरों का कहना है कि बंदरों पर रोकथाम की जिम्मदारी नगर निगम, ग्राम पंचायतों की है, नगर निगम अफसरों का कहना है कि वन विभाग ही बंदर पकड़ता है।
लखनऊ शहरवासी बंदरों के आतंक से त्रस्त है।