कानपुर : पुलिस कमिश्नरेट का गठन होने के बाद अधिकारियों को कार्यालय के साथ ही आवासों की भी समस्या से भी जूझना पड़ रहा है। कोई अधिकारी अपने सीनियर के आवास पर शरण लिए हुए है तो कुछ को एचबीटीयू,सीएसए जैसे संस्थानों ने अस्थायी आवास उपलब्ध कराए हैं। कमिश्नरेट का गठन होने के बाद शहर में कई आईपीएस अधिकारियों की नियुक्ति की गई हैं, लेकिन इन अधिकारियों के कार्यालय,आवास की स्थायी व्यवस्था अभी नहीं हो सकी है। संसाधनों की कमी का आलम ये है कि इन अधिकारियों को रहने के लिए दूसरे अधिकारियों,विभागों और संस्थानों पर निर्भर होना पड़ रहा है।
चूंकि डीसीपी साउथ रवीना त्यागी कानपुर में ही सीबीसीआइडी में एसपी थीं, लिहाजा उन्हें पहले से आवास आवंटित हो चुका था। इसके अलावा अन्य नए अधिकारियों को रहने के लिए अस्थायी व्यवस्था करनी पड़ी है। एक अधिकारी शुरुआत में तो सर्किट हाउस में रुके थे, बाद में उनके लिए नवाबगंज स्थित शिक्षण संस्थान के गेस्ट हाउस में व्यवस्था कराई गई। दो अधिकारी तो विभाग के ही एक सीनियर आइपीएस अधिकारी के सरकारी आवास पर रह रहे हैं। चूंकि वह पहले से ही जनपद में हैं तो उनके पास सरकारी आवास है। इसी तरह दो अधिकारी कल्याणपुर के शैक्षिक संस्थान में रह रहे हैं। एक आईपीएस अधिकारी ने बताया कि कार्यालयों की कमी की भी यही स्थिति है। कुछ अधिकारी तो आवासों में ही बैठकर काम कर रहे हैं।