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संभल की कैसे बदल गई डेमोग्राफी गरमाया पलायन का मुद्दा

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UP: संभल के शाही जामा मस्जिद सर्वे का आदेश स्थानीय अदालत ने 19 नवंबर को जारी किया था। 24 नवंबर को जब कोर्ट कमिश्नर की टीम मस्जिद का सर्वे करने के लिए दोबारा पहुंची तो वहां हिंसा की घटना को अंजाम दिया गया पुलिस पर पत्थरबाजी हुई और घटना में पांच लोगों की मौत हो गई। वहीं ताजा मामला कार्तिकेय महादेव मंदिर के मिलने के बाद और गहराया है संभलेश्वर महादेव मंदिर का 46 साल बाद पट खुलने के बाद अब कई सवाल उठने लगे हैं। 46 साल तक इस मंदिर का ताला बंद क्यों रहा? 46 साल पहले ऐसा क्या हुआ था, जिस कारण मंदिर में ताला लगाकर लोगों को यहां से जाना पड़ा  ये सभी सवाल जोरदार तरीके से उठ रहे हैं। इतिहास के पन्नों से उस समय की घटना को तलाशने की कोशिश की जा रही है। सीएम योगी ने संभल के अल्पसंख्यक हिंदुओं का जिक्र किया।

 

 

 

संभल में मिले मंदिर का इतिहास बताया जो वर्षों से बंद पड़ा था। संभल में मिले मंदिर के परिसर से कई और मूर्तियां मिली हैं। इनमें बजरंगबली, नंदी, गणेश की मूर्तियां शामिल हैं। स्वास्तिक के चिह्न वाली ईंटें और कार्तिकेय की खंडित मूर्ति भी वहां मिली हैं हिंदू पक्ष की ओर से दावा किया जा रहा है कि कार्तिकेय महादेव मंदिर में 1978 के दंगों के बाद से ताला लगा था। चार दशक बाद मंदिर का ताला खुला है। मंदिर में विधि-विधान के साथ पूजा-पाठ शुरू हुई है। मंदिर के पास स्थित कुंए से अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई चल रही है। आखिर 1978 में संभल में क्या हुआ था? हिंदू वर्ग के लोगों का कहना है 1978 के दंगों के बाद संभल हमलोगों के लिए सुरक्षित नहीं रह गया था। संभल नगरपालिका इलाके में कभी 45 फीसदी हिंदू आबादी के रहने का दावा किया गया है। अब वहां केवल 10 फीसदी हिंदू बचे हैं। संभल के डीएम और एसपी ने न्यूज चैनल आजतक से बातचीत में कहा कि संभल नगरपालिका में आजादी के समय हिंदुओं की आबादी 45 फीसदी थी। यह अब 15 से 20 फीसदी है। आकड़े साबित करते हैं कि संभल नगरपालिका में हिंदुओं की आबादी घटी है।

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