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इमामबाड़ा मजलिस मातम के लिए है सैर के लिए नहीः मौलाना कल्बे जव्वाद

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मौलाना ने दी चेतावनी अगर पर्यटको के लिए खोला गया इमाम बाड़ा तो हम भी करेगे मजलिस

लखनऊ : ऐतिहासिक बड़े इमामबाड़े और छोटे इमामबाड़े को पर्यटको के लिए खोले जाने की खबरो के बाद शिया धर्म गुरू मौलाना कल्बे जवाद ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर हमारी इबादत की जगह इमामबाड़ो को पर्यटको के लिए खोला गया तो हमे भी इमामबाड़ो मे मजलिसे मातम करने के लिए कोई रोक नही पाएगा । शिया धर्म गुरू मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने बुधवार को बड़े इमामबाड़े के बाहर गेट पर ही प्रेस वार्ता कर हुसैनाबाद ट्रस्ट के अफसरो पर भ्रष्टाचार के बड़े आरोप लगाते हुए कहा है कि नवाब आसिफउददौला ने बड़े और छोटे इमाम बाडे की तामीर मजलिस मातम के लिए करवाई थी उन्होने कहा कि हमे अखबारो से पता चला है कि बड़े इमाम बाड़े और छोटे इमाम बाड़े को पर्यटको के लिए खोला जा रहा है मौलाना ने कहा कि शिया कौम के साथ ना इन्साफी हो रही है मौलाना ने कहा कि हुसैनाबाद ट्रस्ट को बड़े और छोटे इमामबाडे़ से 18 करोड़ रूपए साल की आमदनी है इस आमदनी के बारे मे खुद ट्रस्ट के अधिकारियो ने तब खुलासा किया था

जब हम लोगो ने एक महीने के लिए इमामबाड़ो के गेट पर ताले लगा दिए थे तब हुसैनाबाद ट्रस्ट के अधिकारियो ने कहा था कि इमाम बाड़ो पर ताले बन्दी से रोज़ 5 लाख का नुकसान हुआ है यानि अगर एक दिन मे 5 लाख की आमदनी है तो साल के 18 करोड़ रूपए हुए मौलाना ने कहा कि हम लोगो ने जब भी इमाम बाड़ो से होने वाली आमदनी के बारे मे आरटीआई के तहत जानकारी मांगी तो कहा गया कि हुसैनाबाद ट्रस्ट प्राईवेट है इस लिए इसके सम्बन्ध मे जानकारी देने के लिए हम लोग बाध्य नही है। मौलाना ने बताया कि जब से हमे अखबारो के ज़रिए इमाम बाड़े को पर्यटको के लिए खोले जाने की खबर मिली है तब से हम डीएम को काल कर रहे है लेकिन डीएम काल रिसीव नही कर रहे है। इमाम बाड़े के गेट के बाहर पत्रकारो से बात कर रहे मौलाना कल्बे जवाद ने आक्रामक शब्दो मे आरोप लगाया कि शियो की जायदादो से शियो को कोई फायदा नही हुआ लेकिन इन जायदादो से जुड़े सरकारी अधिकारी करोड़ पति हो गए मौलाना ने आरोप लगाया कि ट्रस्ट से जुड़े कई अधिकारियो ने गोमती नगर क्षेत्र मे करोड़ो रूपए की लागत से आलीशान बंगले बना लिए है और ट्रस्ट की इतनी आमदनी होने के बावजूद इमाम बाड़ो से जुड़े कर्मचारियो का वेतन घटाया जा रहा है।

मौलाना कल्बे जव्वाद ने अपनी उस मांग को दोहराया है जिसमे पहले भी कहा गया था कि हुसैनाबाद ट्रस्ट की कमेटी मे शियो को भी शामिल किया जाए। मौलाना ने कहा कि हमे अखबारो से पता चला है कि पिछले 6 माह मे हुसैनाबाद ट्रस्ट को ट्रस्ट से होने वाली आमदनी मे 70 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ है 6 महीने मे जब ट्रस्ट 70 करोड़ कमा सकता है तब भी मोहर्रम के महीने मे न तो इस बार तबर्रूख ही बाटा गया और न ही किसी गरीब को लाक डाउन मे राशन ही दिया गया। मौलाना ने बताया कि लाक डाउन के दौरान हमने शिया कौम से ताल्लुक रखने वाले करीब 15 सौ गरीबो की लिस्ट हुसैनाबाद ट्रस्ट को राशन के लिए दी थी लेकिन एक भी गरीब के घर राशन नही पहुॅचा। मौलाना ने कहा कि अगर इमाम बाड़ा पर्यटको के लिए खोला जाएगा तो पहली के तीरह से ही विदेशी महिलाए बेपर्दा होकर यहा आएगी इबादतगाह की बेहुरमती होगी उन्होने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो हमे भी मजलिस मातम से कोई रोक नही पाएगा।

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