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स्मृति ईरानी के खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे में गौरीगंज कोतवाल को इलेक्ट्रॉनिक व अन्य साक्ष्य से संबंधित जांच करने का आदेश दिया है।

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लखनऊ : जिले की एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पीके जयंत ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे में गौरीगंज कोतवाल को इलेक्ट्रॉनिक व अन्य साक्ष्य से संबंधित जांच करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह आदेश अंतर्राष्ट्रीय निशोनबाज की अर्जी पर दिया है। कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 18 अगस्त की तिथि नियत की है। पुलिस रिपोर्ट आने के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की तलबी के बिंदु पर सुनवाई कोर्ट करेगी। कोर्ट के आदेश से केंद्रीय मंत्री की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। प्रतापगढ़ जिले के अंतू थाने के रायचंदपुर गांव निवासी अंतर्राष्ट्रीय निशोनबाज वर्तिका सिंह ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ एमपी-एमपी की विशेष कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया था। उनका आरोप है कि पिछले दिनों अमेठी जिले के दौरे पर आई केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मीडिया को उनके खिलाफ मानहानि कारक बयान दिया था। मामले में परिवादी वर्तिका सिंह व अन्य गवाहों का बयान पिछले दिनों कोर्ट में दर्ज किया गया था।

इसी बीच पिछले 17 अप्रैल को वर्तिका सिंह के अधिवक्ता अरविंद सिंह राजा ने कोर्ट में प्रार्थनापत्र देकर पुलिस को साक्ष्य जुटाने के लिए जांच करने का आदेश देने की मांग की थी। कोर्ट ने पिछली पेशी पर तलबी व पुलिस जांच के बिंदु पर बहस सुनकर आदेश के लिए 10 अगस्त की तिथि नियत की थी। मंगलवार को स्पेशल जज एमपी-एमएलए पीके जयंत ने वर्तिका सिंह की अर्जी मंजूर कर गौरीगंज कोतवाल को मामले में जांच करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने पुलिस से जांच रिपोर्ट तलब करते हुए अगली सुनवाई के लिए 18 अगस्त की तिथि नियत की है। कोर्ट के आदेश से केंद्रीय मंत्री की मुश्किलें बढ़ गई है। उधर, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के अधिवक्ता संतोष पांडेय ने कहा कि कोर्ट में फर्जी केस दायर किया गया है। परिवादी के पास केंद्रीय मंत्री के खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य मौजूद नहीं है।

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