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आगे पशु-पक्षियों के मांस-खाने की वजह से ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक जैसे रोग ज्यादा बढ़ेंगे

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आत्मा ताकतवर होने पर जो बोलोगे उसमें ताकत आएगी, ये चीजें छुप नहीं पाती असर जताती हैं**इस कलयुग मे रूहों को निजात दिलाने, जन्मने-मरने की पीड़ा, नर्कों से बचने के लिए नामदान के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं*
उत्तर प्रदेश जनपद कौशाम्बी वक़्त के महापुरुष सन्त सतगुरु दुःखहर्ता त्रिकालदर्शी परम दयालु उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 16 जुलाई 2022 सायं कालीन बेला में दुबई (संयुक्त अरब अमीरात) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि रोग क्रोध अपराध से बचने के लिए मांस नहीं खाना चाहिए। प्रेमियों! इसमें (सतसंग में) हिंदू मुसलमान सिख ईसाई आए हो क्योंकि यहां दुबई में कई देश जाति धर्म के मानने वाले आते हैं। कुछ लोग ऐसे होते हैं सबका सुनने के लिए जाते हैं। जहां अच्छी बात होती है उस बात का अमल करने लगते हैं। आप कोई भी हो यहां सुनने के लिए आए हो। मंदिर मस्जिद गिरजाघर गुरुद्वारा पूजा इबादत के लिए बनाया गया हो उसके अंदर कोई गंदी चीज, मांस मुर्दा डाल दिया जाए तो कोई पूजा नमाज ग्रंथ का पाठ अदा करेगा? कहोगे, गंदी जगह से पूजा इबादत कबूल नहीं होगी। कहा गया
 दिल का हुजरा साफ़ कर जाना के आने के लिए
 ख्याल गैरों का हटा उसको बैठाने के लिए।
 तो मानव मंदिर साफ होना चाहिए।
पूजा-पाठ नमाज अनुष्ठान यज्ञ होने के बावजूद भी देवी-देवता क्यों नहीं होते खुश
देखो कितना पूजा-पाठ अनुष्ठान यज्ञ नमाज अदा करते हैं, जकात देते हैं, हज के लिए भी जाते हैं लेकिन समय पर जाड़ा गर्मी बरसात नहीं होती, वह खुश नहीं होता है। इसलिए समझना चाहिए गंदी जगह से इबादत करेंगे तो कबूल नहीं होती। इस मानव मंदिर मस्जिद को पाक साफ, साफ सुथरा रखो, इसके अंदर गंदी चीज मत डालो, किसी पशु-पक्षी का मांस इसके अंदर मत डालो।
मांस खाने से थोड़ी सी तंदुरुस्ती बढ़ी भी तो हो जाएगी बुद्धि भ्रष्ट
यह मत सोचो कि मांस खाने से हम तंदुरुस्त हो जाएंगे। कुछ लोगों की सोच यही है कि तंदुरुस्त हो जाएंगे, बुद्धि सही रहेगी। तंदुरुस्ती अगर मांस खाने से थोड़ी बहुत बढ़ी भी तो बुद्धि भ्रष्ट हो जाएगी। फिर उसी में तरह-तरह की बीमारियां हो जाएंगी, ब्लड प्रेशर रोगी हो जाओगे, हार्ट अटैक आने लग जाएंगे। कुदरत ने प्रकृति ने आपके लिए जो भोजन दिया है उस भोजन को आप ग्रहण करो।
गिद्ध और कौवों का भोजन है मछली
मछली तालाब के सफाई के लिए बनाई जाती है। उसमें लैट्रिन, मुर्दा बहकर चला जाए, गंदी से गंदी चीज डाल दो, मछली खाएगी। जब मछली मर जाती है पानी के ऊपर तैरती है, गिद्ध कौवा खाते हैं मछली को, यह उनका भोजन है, आपका भोजन नहीं है।
अंडा बहुत गंदी चीज है, इसके खाने से बदन में गर्मी आती है, होश खो बैठता है आदमी
अंडा क्या है? माताएं मासिक धर्म होती हैं। मासिक धर्म रुकने पर खराब खून इकट्ठा हो गया तो उसी से बच्चा बन जाता है। मुर्गियों का खराब खून इकट्ठा होता तो अंडा बनता है, बहुत गंदी चीज है इसीलिए इसे खाने पर आदमी होश खो देता है, बदन में गर्मी आती है,रोगी हो जाता है,  गलत काम करने लगता है। अंडा मत खाना बहुत नुकसान करता है। जितना हजम कर सको, खूब शाकाहारी खाओ।
इस कलयुग मे रूहों को निजात दिलाने, जन्मने-मरने की पीड़ा नर्कों से बचने का नामदान के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं
आपको जाति धर्म समाज कुछ नहीं छोड़ना है। जहां जिस जाति समाज में जन्म लिए, जहां रहते हो वहीं पर रहो। शाकाहारी भोजन वहीं खाओ। लड़की-लड़के का शादी वहीं करो, हमारी तरफ से पूरी छूट है। 22 घंटे शरीर के लिए काम करो, 2 घंटा अपनी आत्मा को खुराक दे दो। आत्मा जब ताकतवर बलवान हो जाएगी आप देखोगे।
आप जो बोलोगे, कहोगे उसमें ताकत आएगी। ये चीजें छुप नहीं पाती हैं, अपना असर जताती ही हैं। तभी तो आदमी पूजा करने लगता है जब रूहानी ताकत आध्यात्मिक शक्ति जब आती है। आपको सीधा सरल रास्ता बताऊंगा। इसके अलावा रूहों के निजात दिलाने का, जीवात्माओं के कल्याण का, जन्मने-मरने की पीड़ा से बचने का, नरको में जाने से बचने का और कोई रास्ता नहीं है।
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