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यूपी की जेलों में मुलाकात व्यवस्था बंद कोरोना और ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे को देखते हुए लगाई रोक

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उत्तर प्रदेश में फैलते ओमिक्रॉन और कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जेलों में कैदियों से मुलाकात पर पाबंदी लगा दी गई है। शनिवार को शासन ने रोक लगाने के आदेश के साथ कैदियों की सुरक्षा से जुड़ी नई गाइडलाइन जारी की।

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी की तरफ से जारी आदेश में कैदियों की मुलाकात तुरंत बंद करने को कहा गया है। इससे पहले 2020 में पहला लॉकडाउन लगने के साथ ही जेलों में मुलाकात की व्यवस्था बंद कर दी गई थी। हालांकि तमाम सख्ती के बावजूद प्रदेश भर की जेलों में 10 हजार से ज्यादा कैदी कोरोना संक्रमित हुए थे। एक हजार से ज्यादा कैदी और जेल स्टाफ की कोरोना से मौत भी हुई थी।

प्रदेश में कोरोना के मामले खत्म होने के साथ 16 अगस्त, 2020 को दोबारा मुलाकात में छूट दी गई थी। पहले जैसे हालात दोबारा सामने न आएं, इसलिए शासन अभी से कैदियों की सुरक्षा को लेकर फिक्रमंद है।

शासन की गाइडलाइन, जानिए क्या होगी नई व्यवस्था

कारागारों में कोरोना की एंटिजेन और RT-PCR टेस्टिंग जरूर कराई जाए

सभी बंदियों को वैक्सीन की दोनों डोज लगवाई जाएं

बंदियों की कोर्ट से इजाजत लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी कराई जाए

जहां कोविड-19, ओमिक्रॉन के मामले पाए जाएं, वहां अस्थाई कारागार बनाए जाएं

गिरफ्तार होने वाले बंदियों को 14 दिन तक अस्थाई कारागारों में ही रखा जाए

अस्थाई कारागार में प्रवेश के बाद बंदी की RT-PCR टेस्टिंग कराई जाए

रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही मुख्य कारागार में भेजने की व्यवस्था की जाए

पॉजिटिव मिलने पर उपचार के लिए अस्पताल भेजा जाए

कारागार भवनों और अस्थाई कारागारों को नागातार सेनेटाइज कराया जाए

बंदियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का प्रयोग अनिवार्य किया जाए।

 

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