कानपुर : स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एक्सप्रेस से सेंट्रल स्टेशन पर मिले 1.4 करोड़ रुपये नकदी के मामले में अब आयकर विभाग के निशाने पर रेलवे के कुछ अधिकारी आ रहे हैं। आयकर अधिकारियों का मानना है कि कहीं ना कहीं यह रकम रेलवे के ही किसी अधिकारी से जुड़ी है। इसीलिए अब तक रेलवे ना तो सीसीटीवी कैमरों की चेकिंग कर रहा है, ना ही यह जानने का प्रयास कर रहा है कि इंटरकाम पर फोन कहां से आया। इसके चलते अब आयकर अधिकारियों ने इस राशि को अपने कब्जे में लेने के लिए उच्चाधिकारियों से अनुमति मांगी है।
बीते दिनों दिल्ली से जयनगर जा रही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एक्सप्रेस की पैंट्री में लाल रंग के सूटकेस में 1.4 करोड़ रुपये की नकदी मिली थी। इसके बाद से यह बात अभी तक तय नहीं हो पा रही है कि आखिर यह सूटकेस किसके लिए आया है। रेलवे के इंटरकॉम पर लगातार आईं कॉल के चलते आयकर विभाग के अधिकारी मान रहे हैं कि जिसने भी रुपये भेजे थे वह भी रेलवे से जुड़ा था और जिसे रुपये पाने थे वह भी रेलवे से जुड़ा है।
अधिकारियों का मानना है कि किसी भ्रम के चलते रुपया उस व्यक्ति के हाथों तक नहीं पहुंच पाया और बात खुल गई वरना रुपये निकल जाते और पता ही नहीं चलता। इसलिए आयकर अधिकारियों ने अब रुपये अपने कब्जे में लेने की तैयारी शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि रुपये वे जरूर अपने कब्जे में लेंगे लेकिन जांच तो जीआरपी को ही करनी होगी। अब बस अनुमति मिलने का इंतजार है।