मौलाना सैय्यद सफ़ी हैदर ज़ैदी ने कहा कि संस्था तनज़ीमुल मकातिब विभिन्न धार्मिक, शैक्षिक और कल्याण विभागों में सेवाएं प्रदान करता है । इमामिया मकतब और उसके पाठ्यक्रम,जामिया इमामिया, जामिअतुज़ ज़हरा, शिक्षकों और इमामों के लिए प्रशिक्षण शिविर, उर्दू-हिंदी मासिक पत्रिका, शिक्षा और उपचार में सहायता आदि वर्तमान ज़रूरतों को देखते हुए कुछ योजनाओं का उद्घाटन किया जा रहा है। वर्तमान की ज़रूरतों को देखते हुए, पाठ्यक्रम को रंगीन और आकर्षक बनाया गया है। सभी धार्मिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए &https://www.youtube.com/channel/UCcj8JxdUrXPVdAxW-blFheA8220;ई-शॉप&https://www.youtube.com/channel/UCcj8JxdUrXPVdAxW-blFheA8221; शुरू की जा रही है।
धूमधाम से मनाया गया जश्न ए मसर्रत
लखनऊ : 1968 में स्थापित किए गए संस्था तनज़ीमुल मक़ातिब के स्थापना दिवस एवं चौथे इमाम हज़रत ज़ैनुल आबेदीन की यौमे विलादत के अवसर पर आज गोलागंज स्थित तनज़ीमुल मकातिब में जश्न ए मसर्रत का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ जामिया इमामिया के उस्ताद क़ारी मोइनुद्दीन ने पवित्र क़ुरान की तिलावत से किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जस्टिस शबिहुल हसनैन थे। कार्यक्रम मे मुख्य वक्ता के तौर पर आए शिया धर्मगुरू मौलाना सय्यद कल्बे जव्वाद नक़वी ने इस्लाम में ज्ञान के महत्व को बताते हुए बच्चों और युवाओं की धार्मिक शिक्षा पर ज़ोर दिया उन्होंने तनज़ीमुल मकातिब की सेवाओं की सराहना भी की। जलसे में बोलते हुए तनज़ीमुल मक़ातिब के सचिव मौलाना सय्यद सफ़ी हैदर ने कहा कि 54 साल पहले खतीब-ए-आज़म मौलाना सय्यद ग़ुलाम अस्करी ताबा सराह ने 5 मकतबो से संस्था तनज़ीमुल मकातिब की स्थापना की थी जिसके आज एक हज़ार से अधिक शाखाएं स्थापित हैं।
वर्तमान पीढ़ी में बहुसंख्यकों की प्राथमिक धार्मिक शिक्षा संस्था तनज़ीमुल मकातिब का गौरव है। मौलाना सय्यद सफ़ी हैदर ने कहा कि दुनिया में हो रहे सभी भ्रष्टाचारों मे बेदीन अहले इल्म महत्वपूर्ण किरदार निभाते हैं। जानलेवा कैमिकल और हथियार बनाते हैं, मानव जाति के अंत की योजना बनाते हैं और बे इल्म दीनदारो के माध्यम से झूठी योजनाएं फलीभूत होती हैं। मौलाना सय्यद ग़ुलाम अस्करी ताबा सराह ने मानवता के दोनों दुश्मनों को मिटाने के लिए संस्था तनज़ीमुल मकातिब की स्थापना की ताकि राष्ट्र में अज्ञानता और असहमति पैदा हो और समाज में सद्गुणों का बोलबाला हो और पीढ़ियां समृद्ध हों।
तनज़ीमुल मकातिब के सचिव ने अंत में कहा कि संस्था तनज़ीमुल मकातिब पिछले 54 वर्षों से विभिन्न धार्मिक और सामाजिक सेवाओं का प्रदर्शन कर रहा है और उर्दू भाषा और साहित्य की सेवा भी कर रहा है हमारा पाठ्यक्रम उर्दू में है,
हमारे अधिकांश प्रकाशन उर्दू में हैं, हमारी पत्रिकाएँ उर्दू में हैं यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सय्यद कल्बे जव्वाद और जस्टिस शबिहुल हसनैन ने पाठ्यक्रम और तनज़ीमुल मकातिब ऐप और ई-शॉप का उद्घाटन किया। मौलाना सय्यद नक़ी अस्करी साहब, मौलाना मंज़र अली आरफी साहब, श्री नासिर अली साहब चीफ कमिश्नर इनकम टैक्स जबलपुर ने भी तक़रीर की।कार्यक्रम का संचालन मौलाना अली मोहज़्ज़ब खेरद साहब ने किया और श्री रज़ा मोरानवी, श्री माएल चंदौलवी और श्री मुजीब सिद्दीकी ने कलाम पेश किये मकातिब ए इमामिया के छात्रों ने भी शैक्षिक प्रदर्शन किया।
जश्न ए मसर्रत का दूसरा भाग कल रविवार 10 जनवरी को दोपहर 2:30 बजे खतीब ए आज़म मिल्ली डेवलपमेंट सेंटर, नैपियर प्लाज़ा, ठाकुरगंज में होगा।
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